Jaipur News: वर्तमान में चल रही ऑनलाइन गिरदावरी का कार्य पटवारियों के लिए गले का फांस बन चुका है. गिरदावरी करने के लिए राज खसरा गिरदावरी एप है. लेकिन इसमें ऑनलाइन गिरदावरी के समय फील्ड में समस्याएं आ रही हैं. बार-बार अवगत कराने के बाद भी समाधान नहीं हो रहा हैं. जिसके बाद अब राजस्थान पटवार संघ ने समस्या का समधान नहीं होने तक गिरदावरी का कार्य नहीं करने का ऐलान कर दिया हैं. 

 

एप में हो रही परेशानी 

 

पटवारियों को गिरदावरी के समय गिरदावरी एप से कार्य में प्रत्येक खसरे पर जाकर फोटो अपलोड करने, एप धीमे चलने से लोकेशन सही नहीं दिखाने, फसल की फोटो अपलोड करने के बाद भी फिर फोटो मांगने, फील्ड की लोकेशन गलत बताने, क्षेत्र में जंगल होने और बारिश से जगह-जगह पानी भरने से गिरदावरी, कंटीली बाढ़ तारबंदी होने से एक-एक खसरे पर जाकर गिरदावरी करने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

 

एप चल रहा धीमी

 

राजस्थान पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र कवियां ने बताया की मौके पर जब एप को चलाया जाता है, तो मैसेज आता है कि आप खसरा सीमा में नहीं है.  जबकि पटवारी मौके पर खेत में खड़ा होता है. गिरदावरी एप की गति बहुत धीमी है एक खेत की गिरदावरी करने में आधा घंटे से अधिक समय लगता है. ऐसे में एक दिन में मुश्किल से 15-20 खेतों की ही गिरदावरी हो पाती है. इस गति से काम किया तो एक पटवारी को तीन से चार महीने लगेंगे.

 

जब तक दूसरी फसल खेतों में उग जाएगी. संबंधित नक्शे पर नक्शा ना खुलकर खाली पेज पर नक्शा खुलता है. खेतों में वर्तमान में अधिक बारिश होने के चलते पानी भरा हुआ है. ऐसे में प्रत्येक खेत मे जाना संभव नहीं है. एक खेत की गिरदावरी पूरी होने पर एप मुख्य पृष्ठ पर वापस लौट आता है. ऐसे में खसरा सूची द्वारा निकलने के लिए पूरी प्रक्रिया करनी पड़ती है. ज्यादातर खातेदारों द्वारा खेतों की कंटीले तारो से बाढ़बंदी कराई गई है और उसमें बिजली प्रवाह छोड़ा गया है. ऐसे में कभी भी पटवारी की जान को खतरा हो सकता है. एप को चलाने के लिए सबसे पहले 64 एमपी कैमरा और 8जीबी रैम के मोबाइल की जरूरत है. 

 

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