Jaipur news: राजस्थान में वैट कम करने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने मोर्चा खोल दिया हैं. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि प्रदेश सरकार अगर पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करती है, तो चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन किया जाएगा. इस आन्दोलन के तहत कल सभी सरकारी वाहनों को पेट्रोल-डीजल उधार नहीं दिया जाएगा. प्रदेश मे राज्य सरकार के सरकारी विभागों का करीब 400 करोड़ रुपए बकाया है. आपको बता दें कि प्रदेश में 6 हजार 257 पेट्रोल पंप है, इनमें कई पंपों से सरकारी महकमों के वाहनों में भी डीजल-पेट्रोल की पूर्ति की जाती है. 


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इसके बाद 15 मई को प्रदेश के डीलर्स अमर जवान ज्योति पर दो घण्टे तक धरना देगें. इसके बाद भी अगर सरकार को निर्णय नहीं लेती है, तो 30 मई को प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप खरीद और बिक्री नहीं करेगें. राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव शशांक कोरानी ने बताया की यह आंदोलन सरकार का ध्यान डीलर्स की मांगो की ओर ध्यान आकृषित करने के लिए किया जा रहा है. राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 फीसदी वैट और डीजल पर 19.30 फीसदी वैट वसूला जा रहा है. जो की दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा हैं. 


राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से ज्यादा वेट लेने से पेट्रोल-डीजल 10 से 12 रुपए तक महंगा बिक रहा है. इसका असर ना केवल आमजन की जेब पर पड़ रहा है, बल्कि पेट्रोप पम्प व्यवसाय पर पड़ रहा है. पड़ोसी राज्यों में सस्ता पेट्रोल-डीजल बिकने से ना केवल पेट्रोलियम उत्पाद की तस्करी बढ़ी है. बल्कि राज्य सरकार को भी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में वेट ज्यादा होने से राज्य के सीमावर्ती जिलों में तेजी से पेट्रोल पम्प की सेल में गिरावट आई है. आरपीडीए (राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन) का यह आंदोलन एक जन जागरण आंदोलन है. 


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क्योंकि एक तरफ तो सरकार मंहगाई राहत केम्प चला रही हैं, दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं कर रही है. जबकि उत्तरी भारत से पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे अधिक हमारें राज्य में है और जब तक पेट्रोल-डीजल के मूल्य कम नहीं होगें तब बढ़ती हुई मंहगाई से राज्य की आमजन को कोई राहत नहीं मिलेगी. क्योंकि आमजन के उपयोग में आने वाली दैनिक उपयोग की सभी चीजे पेट्रोल-डीजल से जुड़ी हुई है. पेट्रोल डीजल पर वेट कम करके आमजन को महंगाई से राहत दी जा सकती है। वेट कम करने से आमजन की रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होगी. 


उन्होने बताया की वैट के साथ रोड डीजल और पेट्रोल पर वसूला जा रहा रोड सेस खत्म किया जाए. साथ में प्रदेश स्तर पर पेट्रोल पंप डियू में आ रही पोपअप की समस्या का समाधान हो. आयॅल कंपनी स्तर डियू के सत्यापन के लिये डीलर्स द्वारा जमा धन राशि का भुगतान काफी समय से न होना. ऑयल कंपनी स्तर पर 194 क्यू के तहत डीलर्स द्वारा जमा करवाये गये टीडीएस की धनराशि का भुगतान विलंब से होना भी बताया गया.


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