Jaipur News: डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के निर्देश पर परिवहन विभाग ने मंगलवार को जयपुर के मोटर ड्राइविंग स्कूलों का औचक चैकिंग अभियान चलाया. इस दौरान परिवहन विभाग की आयुक्त खुद फील्ड में उतरी. परिवहन टीमों ने जब मोटर ड्राइविंग स्कूलों की जांच की तो कई तरह के फर्जीवाड़े मिले. 


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फिटनेस केन्द्रों के फर्जीवाड़े और कार बाजारों पर बड़ी कार्रवाई के बाद अब परिवहन विभाग ने मोटर ड्राइविंग स्कूलों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है. दरअसल परिवहन मंत्री और डिप्टी सीएम डॉक्टर प्रेमचंद बैरवा ने मोटर ड्राइविंग स्कूलों के निरीक्षण के लिए निर्देश दिए थे. ऐसे में मंगलवार को जब परिवहन विभाग की टीमें फील्ड में निकली तो मोटर ड्राइविंग स्कूलों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. 



दरअसल परिवहन विभाग की आयुक्त के नेतृत्व में आज मोटर ड्राइविंग स्कूलों की चैकिंग का औचक अभियान चलाया गया. इस दौरान आयुक्त ने जयपुर आरटीओ द्वितीय के क्षेत्राधिकार में स्थित मोटर ड्राइविंग स्कूलों का निरीक्षण किया. हालांकि उन्होंने चैकिंग में जयपुर आरटीओ द्वितीय की टीमों को साथ रखने के बजाय जयपुर आरटीओ प्रथम की टीमों को अपने साथ रखा. आयुक्त पहले अजमेर रोड स्थित जय माता दी मोटर ड्राइविंग स्कूल पहुंची. नियमानुसार ड्राइविंग स्कूल का संचालन कमर्शियल बिल्डिंग में किया जा सकता है, लेकिन यह स्कूल यहां एक घर के अंदर चलता हुआ पाया गया. मोटर ड्राइविंग स्कूल ने जो गाड़ियां अपने रिकॉर्ड में दर्शा रखी थी, वे मौके पर नहीं पाई गई. वहीं गाड़ी सीखने वाले लोगों से निर्धारित फीस से अधिक पैसे लेने का मामला भी पाया गया. यहां सीखने वालों से 3500-3500 रुपए लिए जा रहे थे. चूंकि आमजन को हैवी ड्राइविंग लाइसेंस मोटर ड्राइविंग स्कूलों के प्रमाण पत्र के आधार पर ही जारी किए जाते हैं. ऐसे में यहां प्रॉपर ट्रेनिंग और ट्रायल नहीं सिखाए जाने से ये स्कूल सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा खतरा साबित हो रहे हैं. 



हैवी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रमाण पत्र बनाने वाले स्कूलों में ये वाहन ही नहीं पाए गए. वहीं वैशाली नगर क्षेत्र में ही एक गाड़ी पर 2 मोटर ड्राइविंग स्कूलों के नाम देखकर परिवहन विभाग की टीम बुरी तरह चौंक गई. पता चला कि गाड़ी के बोर्ड पर आगे एक ड्राइविंग स्कूल का नाम था तो दूसरी तरफ दूसरे ड्राइविंग स्कूल का नाम लिखा हुआ था. दरअसल एक गाड़ी पर आगे की तरफ लक्ष्य इंस्टीट्यूट ऑफ सेफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक एजुकेशन का बोर्ड लगा हुआ था. जबकि साइड में लिखा था, जेके मोटर ड्राइविंग स्कूल. एक ही गाड़ी पर दो नाम देखकर परिवहन अधिकारी चौंक गए. 



वहीं ड्राइविंग स्कूल के अंदर जाकर टीम को और भी आश्चर्य का सामना करना पड़ा. यहां बिल्डिंग के बाहर बोर्ड लगा था, जेके मोटर ड्राइविंग स्कूल, जबकि ऑफिस के अंदर लिखा था, मंगलम ग्रुप ऑफ पीजी. ऐसे में परिवहन आयुक्त सहित विभाग की पूरी टीम को समझ नहीं आया कि यहां पेइंग गेस्ट चल रहा है या फिर मोटर ड्राइविंग स्कूल ? कुलमिलाकर परिवहन विभाग की टीम को इन मोटर ड्राइविंग स्कूलों में कई तरह की गड़बड़ियां मिली हैं, देखना होगा कि अब इन पर क्या सख्त कार्रवाई होती है.