Kotputli, Jaipur News: जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़ बुधवार को क्षेत्र के दौरे पर रहे. राठौड़ ने पनियाला और चतर्भुज में धार्मिक कार्यक्रमों के शिरकत की, जिसके बाद रक्षा बंधन पर्व के मौके पर बानसूर रोड पर बाल्मीकि मोहल्ले के अंबेडकर भवन में बहनों से रक्षा सूत्र बंधवाया.


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सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़ ने इस दौरान रक्षाबंधन पर्व पर देश और प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी और कहा कि अपनी बहनों के बीच भाई को जो खुशी होती है, उसका कोई मुकाबला नहीं होता है. कोटपूतली आकर बहुत अच्छा लगा. बहनों से राखियां बंधवा कर देश की संस्कृति की कदर देखी जा सकती है. वो सब इसी माहौल में नजर आती है. 


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समस्याओं के बारे में भी जाना
राठौड़ ने बहनों से समस्याओं के बारे में जाना तो सामने आया कि क्षेत्र में बिजली की भारी दिक्कत है, जिसको लेकर यहां के निवासियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राठौड़ ने राज्य सरकार पर वार करते हुये कहा कि गहलोत ने बिजली की कीमतों को भले ही कम कर दिया हो लेकिन बिजली नहीं आयेगी तो फिर किस बात की कीमत कम कर लोगों को बेवकूफ बनाया गया. वहीं राशन किटों में पुराना गन्दा सामान पैक करके दिया जा रहा है, जिसकी बराबर शिकायतें आ रही हैं. लोग खाद्य सामग्री को बाहर फेंक रहे हैं.


राठौड़ ने कहा कि सरकार को अब डर लग रहा है. सिर पर चुनाव आ गये हैं. प्रदेश की जनता को झूठी योजनाओं के बहाने लालच देकर बरगलाया जा रहा है लेकिन अब प्रदेश की जनता सब समझ चुकी है कि आने वाले चुनावों में क्या करना है? मोदी सरकार ने कल ही देश की बहनों को सिलेंडरों की कीमत कम कर तोहफा दिया है. आज जिस प्रकार मोदी सरकार काम कर रही है, उसका ब्यौरा किसी से छुपा नहीं है. वहीं, इस दौरान सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे.


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राजस्थान का वो गांव जहां पेड़ों को राखी बांधती हैं बहनें,डेनमार्क तक बनी है पहचान


Raksha Bandhan 2023: पेड़ों से ऐसा अनूठा प्यार की बहनों ने जैसे भाई से प्यार किया है, उसी तरह यहां पेड़ों से भी प्यार किया है.ताकि ये बनें रहें, इसलिए राखी के बंधन से सुरक्षा दे रही हैं. दरअसल ये राजस्थान के उदयपुर जिले के एक गांव की कहानी है, जहां बहनें पेड़ों को राखी बांधती हैं.यह परंपरा साल दो साल पुरानी नहीं बल्कि सदियों पुरानी हैं. यहां हर वर्ष राखी के अवसर बहनें पेड़ों को राखी बांधती हैं. 


राजसमंद  से 15 KM दूर पिपलांत्री गांव है. आपको बता दें राजस्थान समेत देशभर में ये गांव किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इस गांव की बहन बेटियों ने प्रकृति को संवारने का एक ऐसा अनूठा बीड़ा उठाया. शायद पेड़ों को बचाने के लिए इससे सुंदर संकल्प नहीं होगा. इसी का परिणाम है कि यहां का क्षेत्र पेड़ों और हरियाली से युक्त है.


राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी पहुंचे
यहां कि कहानी इतनी खास है कि इस बार असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी पहुंचे हैं.कटारिया के यहां पहुंचने पर लोगों ने उनका खास तरीके से स्वागत किया है. पर्यावरण संरक्षण रक्षाबंधन कार्यक्रम में शामिल लोगों कि कटारिया ने तारीफ की है.इस मौके पर कारगिल युद्ध के योद्धा योगेंद्र यादव भी इस मौके पर पहुंचे. उनका भी सम्मान किया गया.