Chomu, Jaipur News: प्रदेश में आयोजित होने वाली प्रायोगिक भर्ती परीक्षाओं को लेकर बीजेपी ने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार पर निशाना साधा है.


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उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी परीक्षा निष्पक्षता की कसौटी पर खरी नहीं उतरी उन्होंने कहा वनपाल भर्ती परीक्षा इस बात को प्रमाणित करती है. जिस तरीके से मुन्नाभाई पकड़े गए हैं, उससे लगता है कि प्रदेश की सरकार भर्ती परीक्षाओं में धांधली का रिकॉर्ड बनाना चाहती है. राजस्थान क्राइम के मामले में नंबर वन है. मासूम बालिकाओं के साथ हो रही दरिंदगी की घटनाओं को लेकर 1 नंबर है. भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली रिकॉर्ड बना रही है. इस तरह से भर्ती परीक्षाओं में धांधली लाखों युवाओं के भविष्य को खराब कर रही है.


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रामलाल शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि निष्पक्षता के साथ भर्ती परीक्षाओं का सरकार आयोजन करवाए. साथ ही भर्ती परीक्षा में धांधली करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है तो वहीं सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार कमजोर पिलरों पर टिकी हुई है इसलिए सरकार कार्यवाही से बचना चाहती है.


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वनरक्षक भर्ती परीक्षा पेपर आउट, हनुमान बेनीवाल बोले- गहलोत सरकार की नाकामी का उदाहरण


 


Nagaur News: राजस्थान में 12 नवंबर को दूसरी पारी में आयोजित हुई वनरक्षक लिखित परीक्षा रद्द होने के बाद नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान सरकार पर हमला बोला है. 


नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में 12 नवंबर को आयोजित हुई वनरक्षक सीधी भर्ती परीक्षा का द्वितीय पारी में आयोजित हुआ पेपर निरस्त होना गहलोत सरकार की नाकामी का पुन: एक बड़ा उदाहरण है. 


प्रत्येक भर्ती की विश्वसनीयता पर उठता सवाल यह इंगित कर रहा है कि राजस्थान सरकार किसी भी भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष रूप से करवाने में नाकाम नजर आ रही है. सरकारी तंत्र में बैठे जिम्मेदारों की मिलीभगत के बिना पेपर आउट होना संभव नहीं है. प्रकरण का गहनता से अनुसंधान जरूरी है. सरकार द्वारा पूर्व में पकड़े गए नकल गिरोह पर प्रभावी कानूनी कार्यवाही नहीं होने तथा पेपर आउट करवाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने वाले आरोपियों को नही पकड़ने से लगातार पेपर आउट हो रहे है. सरकार रीट भर्ती परीक्षा पेपर सहित अन्य भर्तियों में आउट हुए पेपरों के मामले का सीबीआई से अनुसंधान करवाती तो शायद सिस्टम में बैठे लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता था मगर राज्य सरकार ने अपने लोगों को बचाने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की चूंकि मुख्यमंत्री हमेशा संवेदनशीलता की बात करते हैं. ऐसे में उन्हें प्रदेश में आउट हुए सभी भर्तियों के पेपरों के प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश कर देनी चाहिए.