Jaipur News:खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को अब गेंहू या राशन मोबाइल पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिए लेना आसान नहीं होगा. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने ओटीपी के खेल को खत्म करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया हैं.अब ओटीपी पर कंट्रोलिंग करते हुए हर राशन डीलर को एक दिन में अधिकतम 3 ही ट्रांजेक्शन करने की लिमिट निर्धारित की है.


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अब तक बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन नहीं होने पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) के जरिए खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं मिलने की सुविधा दी जा रही थी,लेकिन अब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस पर कंट्रोलिंग करते हुए हर राशन डीलर को एक दिन में अधिकतम 3 ही ट्रांजेक्शन करने की लिमिट निर्धारित कर दी हैं.



हर एक ट्रांजेक्शन पर के बीच करीब 30 मिनट या उससे ज्यादा का अंतर होना चाहिए.खाद्य विभाग के उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया की कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थी कि जनआधार या आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है.



कुछ राशन डीलर के यहां जो व्यक्ति एनएफएसए में रजिस्टर्ड है और वे नियमित गेंहू नहीं लेते है.उन लाभार्थियों से उनके फोन पर आए ओटीपी को पूछकर राशन डीलर गेंहू का स्टॉक उठा लेते है और बाजार में बेच देते है.इसे देखते हुए विभाग ने अब ओटीपी के जरिए राशन की प्रक्रिया को सीमित करने और अधिकतम एक दिन में 3 ही लाभार्थियों को ही ओटीपी के जरिए राशन देने का निर्णय किया है.



खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया की खाद्य सुरक्षा योजना के तहत प्रदेश में लाखों ऐसे लाभार्थी हैं, जिनके हाथ की रेखाएं या अंगूठे के निशान घिस गए हैं और पोस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगूठा लगाकर) में भारी परेशानी आ रही थी.



अब तक विभाग ने राशन डीलर को लाभार्थी परिवार के किसी भी एक सदस्य का बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगूठा लगाकर) करने के बाद ही गेंहू देने की फैसिलीटी तय कर रखी थी.अगर किसी लाभार्थी परिवार का बायोमेट्रिक सत्यापन होने में तकनीकी समस्या आती है तो उसे ओटीपी के जरिए राशन दे सकता था,लेकिन इसका बहुत ज्यादा गलत इस्तेमाल होने लग गया जिसके बाद अब विभाग ने निर्णय लिया हैं की एक राशन डीलर एक दिन में अधिकतम 3 ही लाभार्थी को ओटीपी के जरिए राशन का गेहूं दे सकेगा.


हर एक लाभार्थी को ओटीपी के जरिए राशन देने के 30 मिनट बाद दूसरे लाभार्थी को राशन दिया जा सकेगा.उन्होने बताया की अब राशन की दुकानों पर वेइंग मशीन विद आईरिस स्कैनर भी लगा दिए गए हैं.यदि किसी का बायोमेट्रिक सत्यापन (अंगूठा लगाकर)सत्यापन नहीं होता है तो ऐसे लाभार्थियों का वेइंग मशीन विद आईरिस स्कैनर से आंखों की पुतली से सत्यापन किया जा सकेगा.



बहरहाल, ऐसे लाभार्थी जिनके बायोमेट्रिक हाजिरी या मोबाइल पर ओटीपी की तकनीकी समस्या रहती है.उन लाभार्थियों को विभाग के प्रवर्तन अधिकारी एक ऑथोराइज्ड सर्टिफिकेट जारी करते है.इस सर्टिफिकेट के जरिए निर्धारित स्थान पर राशन डीलर लाभार्थी को राशन देते है.


इस प्रक्रिया को बाइपास सिस्टम कहते है.अभी तक बाइपास की सुविधा प्रवर्तन अधिकारी के जरिए मिलती थी, लेकिन अब जिले में जिला रसद अधिकारी ही इसकी सुविधा दे सकेंगे.लेकिन इसके लिए भी जिला रसद अधिकारी को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मुख्यालय से अनुमति लेनी होगी.विभाग हर महीने की अलग-अलग अनुमति जारी करेगा. 


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