Jaipur: शहर की 48 गृह निर्माण सहकारी समितियों द्वारा काटी गई कॉलोनियों के कुछ भाग में पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है. इसके पीछे तर्क दिया गया कि गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा बकाया वसूली की राशि जमा नहीं करवाई गई. इस आदेश के बाद सोसायटी के पट्टों के विक्रय पत्रों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है. इसके चलते आमजन के साथ पक्षकारों के लिए भी दुविधा पैदा हो गई. जारी आदेश में कहा गया है कि मुद्रांक प्रकरणों में निर्मित पारित किए जाकर वसूली कायम की गई थी.


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नोटिस देने के बावजूद भी गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा बकाया वसूली की राशि जमा नहीं करवाई जा रही है.डीआईजी स्टांप जयपुर वृत्त तृतीय सिराज अली जैदी का कहना है कि सोसायटी से संबंधित राजस्व ग्रामों की विभिन्न कॉलोनियों और योजनाओं के कुछ भू-भाग पर ही बकाया वसूली के चलते ई-पंजीयन का स्थगन किया है पूरी सोसायटी की काटी हुई कॉलोनी पर स्थगन नही है.उधर अधिवक्ताओं का कहना है कि लोगों ने 20-25 वर्ष पूर्व सोसायटी से प्लॉट खरीदा, उस समय सरकार ने रोक क्यों नहीं लगाई.जिन विक्रय पत्र पर बैंक ऋण लिया था, उनको सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.


बैंक की प्रोसेसिंग फीस, स्टांप ड्यूटी का नुकसान हुआ है. अधिकारियों से बात करने पर जवाब मिला कि गृह निर्माण सहकारी समिति से वसूली बकाया है.गृह निर्माण सहकारी समितियों का बकाया अब प्लॉट धारियों से वसूलना गलत है. रजिस्ट्री नहीं होने से सरकार को राजस्व का नुकसान और पक्षकारों को आर्थिक नुकसान होगा उसकी भरपाई करना मुश्किल है.क्या मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग जनता से आर्थिक नुकसान की भरपाई करेगा?.


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