Jaipur latest News: जयपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण की जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सा विभाग ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव बगरहट्टा और सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. एसएमएस अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने 2 महीने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया था. मरीज को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था. जिसे आज मंजूर कर लिया है. 


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इसके साथ ही एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा से इस्तीफा मांगा गया. उनके इस्तीफा देने के बाद सरकार ने उसे मंजूर कर लिया है. इसके साथ ही सरकार ने आरयूएचएस के वीसी डॉ सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन के पद से हटा दिया है. ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी में लेनेदेन की जांच को लेकर बनाई गई राज्य स्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट जिसमें आरयूएचएस वीसी को लेकर भी तैयार की गई है. 


वह रिपोर्ट राजभवन भेजी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर डॉ. सुधीर भंडारी को आरयूएचएस के वीसी पद से हटाने की सिफारिश की जाएगी. मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर का कहना है कि फर्जी एनओसी प्रकरण को लेकर इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं और आगे भी चिकित्सा विभाग इस पूरे मामले की जांच करता रहेगा. फर्जी एनओसी जारी होने के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी. 


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इस प्रकरण में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. सुधीर भण्डारी, स्टेट ऑर्गन एण्ड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त निदेशक रहे डॉ. अमरजीत मेहता एवं सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को नोटिस जारी कर प्रत्यारोपण से जुड़ी सूचनाएं मांगी थी. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान की ओर से डॉ. सुधीर भण्डारी को जारी नोटिस में उनके एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पद के कार्यकाल के दौरान आयोजित राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति की बैठकों, उनमें लिए गए निर्णयों, जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्रों से संबंधी जानकारी अविलंब उपलब्ध कराने को कहा गया था. 


नोटिस में डॉ. भण्डारी से पूछा गया था कि सोटों के गठन हेतु एनओटीपी गाइडलाइन के अनुसार चेयरमैन का पद स्वीकृत नहीं है, लेकिन उनके द्वारा प्रधानाचार्य पद से हटने के बाद भी सोटो चैयरमेन के रूप में पत्राचार किया गया है. सोटो राजस्थान में उनकी भूमिका, कार्य प्रणाली, सोटो वेबसाइट के संधारण एवं मॉनिटरिंग के संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई थी. इसके साथ ही सुधीर भंडारी के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद पर कार्य के दौरान ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर थोटा एक्ट के तहत बनाई गई दो कमेटियों को मर्ज कर एक कर दिया गया. 


जिसका चेयरमैन भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज को बनाया गया. लेकिन इसके बाद भी कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई. वहीं एसएमएस अधीक्षक डॉ अचल शर्मा को फर्जी एनओसी की जानकारी सामने आने के बाद उन्होंने तत्काल उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद एसीबी को इसकी सूचना दी गई. एसीबी ने कार्रवाई करते हुए वहां के कार्मिक को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ के आधार पर फोर्टिस अस्पताल, ईएचसीसी और मणिपाल अस्पताल के कॉर्डिनेटर तक को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की गई. अभी भी एसीबी इस मामले में जांच कर रही है.