Rajasthan News: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हरियाणा प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया राजस्थान में भाजपा के स्टार प्रचारकों में शुमार हैं. पूनिया सोमवार से चार सीटों पर अपना चुनावी दौरा शुरू करेंगे. इससे पहले रविवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा हर मायने में कांग्रेस से आगे है. हार-जीत का फैसला जनता करती है. उप चुनाव में कांग्रेस को कहीं से भी जनता की तरफ से समर्थन दिखता नहीं है. कुछ कारकों के आधार पर चुनाव लड़ा जाता है. पार्टी का संगठन, उनसे से उत्कृष्ट है. पार्टी की रणनीति उनसे बेहतर है. उम्मीदवारों का चयन कांग्रेस से श्रेष्ठ है. हर मामले में भाजपा उनसे कहीं आगे है. उपचुनाव में जनता का मिजाज सरकार के साथ समरस होकर चलने का होता है. ऐसे में भाजपा के साथ आम लोगों का साथ है। संगठन चुनावी तैयारी के तौर पर कांग्रेस से कहीं आगे है, ऐसे में अधिकांश सीटें हम जीतेंगे.


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हरियाणा का चुनाव केस स्टडी
चुनाव पर हरियाणा में जीत का असर होने के मामले में डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि हरियाणा का चुनाव केस स्टडी है, शुरुआती दौर में हरियाणा लोकसभा में पांच सीटों पर जीत बुनियाद रही. इसके बाद हरियाणा में अब तक का सबसे बडा मेंडेट आया है. संगठन यह रणनीति महाराष्ट्र और झारखंड में में अच्छे से उपयोग में लेगा. इस रणनीति से दोनों ही राज्यों के चुनाव में पार्टी की संभावनाएं हैं. 



पेपर लीक से युवाओं का भविष्य खराब
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उनकी सरकार के काम याद आने के सवाल पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि हां, उनकी सरकार में बिगड़ी कानून व्यवस्था, करप्शन याद आ रहा है, पेपर लीक केंद्र की सरकार से सहुलियत के लिए मिली योजनाओं में गफलत याद आ रही है. यह लैंडमार्क कर दिया कि राजस्थान में कांग्रेस का सरकार 2018 से 2023 का कार्यकाल अराजकता के नाम पर देश में जाना जाएगा. अच्छा है वो याद दिला रहे हैं कि राजस्थान को आर्थिक रूप से बदहाल किया. कानून व्यवस्था बिगाडी, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंचा, पेपर लीक से युवाओं का भविष्य खराब किया. उनके लिए ये तमाम मुद्दे बूम रैंग होने वाले हैं, अच्छा है वो याद दिला रहे हैं, एक तरह से हमारा ही काम कर रहे हैं.



उपचुनाव में पायलट-गहलोत नहीं दिखा रहे गंभीरता
एक सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा कि कांग्रेस उपचुनाव को गंभीरता से नहीं ले रही है. वहीं भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की एकजुटता से लेकर तैयारी उपस्थिति मायने रखती है. कांग्रेस के चुनाव का संचालन कौन कर रहा है पता नहीं. दूसरी तरफ बीजेपी के नेता एक मुखी होकर पूरी ताकत से लगे हुए हैं.



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