जयपुर- देवउठनी एकादशी पर बजेगी शहनाइयां, सैकड़ों जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में
Jaipur latest news: राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे. शहर की सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई देगी. शादी-विवाह के लिए शहर के मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल व कई होटल-रिसोर्ट बुक हो चुके हैं. बाजारों में खरीदारी भी परवान पर है.
Jaipur news: करीब पांच माह बाद कल देवउठनी एकादशी पर स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त होने के कारण फिर से शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. राजधानी सहित प्रदेश में सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे. शहर की सड़कों पर बैंड-बाजा और बारात की रौनक दिखाई देगी. शादी-विवाह के लिए शहर के मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल व कई होटल-रिसोर्ट बुक हो चुके हैं. बाजारों में खरीदारी भी परवान पर है.
शादी के कार्ड में मतदान की अपील
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शादी के कार्ड में मतदान की अपील भी की गई है. विवाह समारोह में उपहार नहीं देंने सहित अन्य संदेश लिखे गए हैं. ऑल इंडिया टेंट डीलर्स एसोसिएशन अध्यक्ष रवि जिंदल ने बताया कि इस दिन जयपुर में 20 हजार से अधिक शादियां होगी. वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए प्रसिद्ध राजस्थान में इस बार विदेशी पावणो के कारण टेंट, केटरिंग, सजावट का सामान ब्यूटी पार्लर, फोटोग्राफी और परिवहन के संसाधनों आदि की मांग भी बढ़ी है. जयपुर सहित प्रदेश में होने वाली वीवीआईपी शादियों के लिए दूसरे राज्यों से भी संसाधन मंगवाए जा रहे हैं.
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जिंदल ने बताया कि टैंट डीलर्स की ओर से कुछ गार्डनों में शत प्रतिशत मतदान के लिए जागरुकता के लिहाज से बोर्ड-तख्तियां भी लगाई जाएंगी. ताकि मतदान ज्यादा से ज्यादा हो सकें. लोग लोकतंत्र के पर्व की महत्ता को भी समझ सकें. ज्योतिषाचार्य पुरूषोत्तम गौड ने बताया की 29 जून को देवशयनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी पर 22 नवम्बर तक देवशयन दोष है. इसके बाद एकादशी पर 23 नवम्बर को देवप्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी) पर विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू होंगे.16 दिसंबर को धनु मलमास शुरू हो जाएगा, जो 14 जनवरी तक रहेगा. इस अवधि में शादी सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा.