Jaipur news: 26 लाख के फ्लैट 16 लाख में मिलने से शिक्षकों और पुलिस जवानों में खुशी
मल्टी स्टोरी फ्लैट्स की हाउसिंग स्कीम का गुरुवार को राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने कब्जा सौंपा. करीब 26 लाख रुपए की कॉस्ट वाले फ्लैट्स 16 लाख रुपए में पाकर टीचर्स और पुलिस के जवानों के चहेरे खुशी से खिले नजर आए. यही नहीं, ये प्रदेश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें आवासीय सुविधा के अलावा स्वीमिंग पूल, सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट और 1000 मीटर का जॉगिंग ट्रेक है.
Jaipur: प्रदेश के सरकारी टीचर्स और पुलिस के जवानों के लिए बनाई मल्टी स्टोरी फ्लैट्स की हाउसिंग स्कीम का गुरुवार को राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने कब्जा सौंपा. करीब 26 लाख रुपए की कॉस्ट वाले फ्लैट्स 16 लाख रुपए में पाकर सभी के चहेरे खिले नजर आए. यही नहीं, ये प्रदेश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें आवासीय सुविधा के अलावा स्वीमिंग पूल, सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट और 1000 मीटर का जॉगिंग ट्रेक है.
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कभी बंद होने के कगार पर खड़े हाउसिंग बोर्ड की आय अब छह हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बोर्ड की सीएम शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना का लोकार्पण करते हुए ये बात कही. कोरोना काल में काम अटकने पर विधायक मित्रों ने ताने दिए थे, लेकिन आज काम-काज संभव हो सका. यूडीएच मंत्री ने यहां आवंटियों को फ्लैट की चाबियां सौंपी. दरअसल ये बात उन्होंने राजस्थान आवासन मंडल की विकसित सीएम शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना का आज लोकापर्ण के दौरान कही. विश्व साक्षरता दिवस पर समारोह में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला और गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव मौजूद रहे. इस मौके पर योजना के आवंटी 8 शिक्षकों और 5 प्रहरियों को फ्लैट का कब्जा पत्र और फ्लैट की चाबियां सौंपी गईं. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने संबोधन में कहा कि सरकार में आने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि हाऊसिंग बोर्ड को रिवाइव करके दिखाओ. जिसके बाद हमने हामी भर दी और बोर्ड ने तीन साल में 6 हजार करोड़ रुपए तक आय को पहुंचाया.
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20 दिसंबर 2021 को योजना की प्लानिंग की थी, तब कोरोना आ गया, कई लोगों ने काम पूरा करने को लेकर ताने दिया. कहा कि कोरोना में अब करो समय पर पूरा, लेकिन आवासन आयुक्त के नेतृत्व में बेहतरीन कार्य हुआ. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा अपनी टीम का मनोबल बढ़ाना बहुत जरूरी, जो सेनापति होता है वह अपनी सेना का मनोबल मजबूत रखता है. कोरोना की विषम परिस्थिति में भी यह मुश्किल कार्य संभव हो सका. इस बात की खुशी है की बोर्ड के कर्मचारी और अधिकारी में उत्साह के साथ कार्य सामने आया है, इससे प्रोफेशनलिज्म बढ़ा है. निजी बिल्डर ऐसे फ्लेट को 30 लाख में देते है, लेकिन यह केवल 15 लाख 70 हजार में दिया गया. लोकार्पण से पहले मंत्रियों ने यहां नवनिर्मित सामुदायिक भवन और योजना में बनाए गए फ्लैट्स को देखा.
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि सीएम योजना की घोषणा के बाद दो बार कोरोना और लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों में इस काम को शुरू किया गया और केवल दो साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया. इस स्कीम में 13 मंजिला 6 टॉवर बनाए हैं और हर टॉवर में 96 फ्लैट बनाए गए है. अरोड़ा ने बताया कि पहला ऐसा मल्टी स्टोरी हाउसिंग प्रोजेक्ट है जो 2 साल रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ है. उन्होंने खुद माना कि जिस तरह का ये प्रोजेक्ट बना है ऐसा बाजार में 30 लाख रुपए से कम नहीं मिलता. वहीं हाउसिंग बोर्ड की भी इस फ्लैट को बनाने में करीब 26 लाख रुपए की कॉस्ट आई है. जबकि इन फ्लैट्स को बोर्ड ने रियायती दर 15 लाख 70 हजार रुपए में आवंटित किए है. योजना की कुल लागत करीब 98 करोड रूपये आई है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में बेसमेंट पार्किंग, स्वीमिंग पूल विद चेंजिंग रूम, सभी 6 ब्लॉक में ग्रीन एरिया, सिंथेटिक बास्केटबाल कोर्ट, सीसीटीवी विद सर्विलांस, 24 घंटे वॉटर सप्लाई, पावर सप्लाई के लिए डेडीकेटेड फीडर, पावर बैकअप के लिए डीजी सैट, हर ब्लॉक में दो लिफ्ट (एक स्ट्रेचर लिफ्ट), हर टॉवर में विजिटर लाउंज, बर्थडे पार्टी, किटी पार्टी व सामाजिक आयोजन के लिए हर टॉवर में कम्यूनिटी स्पेसिंग भी दिया गया है.
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