Jaipur News: शिव, रवि, सिद्ध, सर्वार्थसिद्धि योग सहित अन्य योग संयोगों में ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए बसंत पंचमी का पर्व और गणतंत्र दिवस एक साथ मनाया गया. मंदिरों में विशेष झांकी सजाकर पीले पकवानों का भोग भगवान को लगाया गया.


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बसंत पंचमी पर राधा-गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी का पाटोत्सव मनाया गया. जयपुर के आराध्य राधा-गोविंददेवजी आज बसंती रंग में रंगे नजर आए. बसंत पंचमी पर आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुर जी का भावानुरूप शृंगार किया गया. इस दिन से गुलाल-अबीर की सेवा प्रारंभ हो गई हैं, इसमें अंग वस्त्रों पर गुलाल और अबीर की सेवा की जाएगी. इस दिन ठाकुर जी का अलौकिक शृंगार किया गया. बसंत पंचमी को ही ठिकाना मंदिर गोविंद देवजी मंदिर में बसंत पंचमी उत्सव मंदिर के पाटोत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है.


साथ ही मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह 5 से 5:15 बजे तक ठाकुर जी का वेद मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया गया. धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन हुआ. इसके बाद धूप की आरती हुई. श्रृंगार झांकी के बाद मां भगवती सरस्वती देवी पूजन जगमोहन मध्य में ठाकुर जी के सन्मुख हुआ.


बता दें कि उसके बाद राजभोग की आरती हुई. साथ ही मूल बंग (बंगला) भाषा में रचित माध्व गौड़ीय संप्रदाय के सर्वमान्य ग्रंथ भक्ति रत्नाकर ग्रंथ के द्वितीय तरंग में स्पष्ट अंकित है कि श्री गोविंद प्रगटे होइलो रूप द्वारे. अर्थात श्री रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्री गोविंद देव जी को प्रगट किया. इस कारण माघ शुक्ला पंचमी के दिन ठाकुर श्री जीऊ का पाटोत्सव (पट्टाभिषेक) अनुष्ठान मनाया जाता आ रहा है.


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