Jaipur News: चोमू में दीपावली के दिन भी नहीं जली तिरंगा लाइट, फिर आई 62 लाख के घोटाले की याद
Jaipur News: दीपावली के मौके पर जहां न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरा देश जगमगा रहा था, तो वहीं जयपुर के चौमूं शहर की सड़कों पर अंधेर छाया हुआ था. नगर पालिका द्वारा सौंदर्यीकरण के नाम पर 62 लाख रुपए खर्च कर बिजली के पोलों पर तिरंगा लाइट लगवाई तो गई थी, लेकिन जली नहीं.
Rajasthan News: राजधानी जयपुर के चौमूं शहर की सड़कों पर दीपावली जैसे बड़े त्यौहार पर भी कई जगह अंधेरा नजर आया. शहर में सौंदर्यीकरण के नाम पर 62 लाख रुपए खर्च करके नगर पालिका ने 200 बिजली के पोलों पर तिरंगा लाइट लगवाई थी. हैरानी की बात है कि 62 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी तिरंगा लाइट 62 दिन भी नहीं जल पाई. दीपावली के त्यौहार पर भी तिरंगा लाइट बंद ही रही.
कांग्रेस के शासनकाल में भी उठे थे कई सवाल
बंद पड़ी तिंरँगा लाइटों को देखकर फिर से एक लाइट घोटाले की याद ताजा हो गई. कांग्रेस के शासनकाल में भी इस तिरंगा घोटाले को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे, तब कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों ने इस घोटाले की शिकायत डीएलबी को की थी. शिकायत के बाद तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता को सस्पेंड कर दिया गया था, तो वहीं इस घोटाले को लेकर नगर पालिका के अध्यक्ष विष्णु सैनी को नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन नोटिस वाली फाइल DLB में दब गई. अब 2 साल बाद प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी नगर पालिका चेयरमैन विष्णु सैनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अध्यक्ष दोषी हैं या नहीं?
चौमू की जनता पूछ रही है कि DLB को अब स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस घोटाले में अध्यक्ष दोषी हैं या नहीं? जब भी कोई टेंडर निकाला जाता है तो नगर पालिका अधिशासी अधिकारी के भी हस्ताक्षर उस टेंडर की फाइल पर होते हैं. नगर पालिका चोमू में हुए लाइट घोटाले में तत्कालीन 3 अधिकारियों को स्वायत शासन विभाग ने दोषी मानकर सस्पेंड कर दिया था, लेकिन अध्यक्ष पर मेहरबानी रखी गई और मेहरबानी आज भी बरकरार है, क्योंकि नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड है और कांग्रेस के पार्षद आज भी पालिका के चेयरमैन पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगा रहे हैं.
पानी में बहे 62 लाख रुपए
कांग्रेस के पार्षद महेंद्र लंबनी अपने सभापति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार कांग्रेस के सभापति, चेयरमैन को हटाने की कार्रवाई कर रही है, लेकिन चौमूं में दोषी होने के बाद भी नगर पालिका चेयरमैन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. महेंद्र लांबा ने कहा अलवर में 300 विद्युत पोलों पर 3 साल के मेंटेनेंस और गारंटी के साथ 11 लाख रुपए में तिरंगा लाइट लगाई गई थी, लेकिन चौमूं में 200 पोलो पर 62 लाख रुपए में तिरंगा लाइट लगवाई गई थी. कुल मिलाकर चौमूं में 10 गुना अधिक महंगी लाइट लगाकर सरकार को चूना लगाया गया. उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.
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