Rajasthan News: जयपुर समेत प्रदेश के तमाम शहरों में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी को सरकार बेचकर रेवेन्यू जुटाने का प्रयास करेगी. इन प्लांट से निकलने वाले पानी को इंडस्ट्री या दूसरे काम के लिए बेचा जा सकता है. सूरत महानगर पालिका सीवरेज का गंदा पानी बेचकर 140 करोड रूपए सालाना की कमाई की जा रही हैं. हम भी इस प्रयास में है कि एसटीपी के पानी को बेचकर निकायों के लिए राजस्व जुटाने का प्रयास करें. ये बात आज यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जयपुर के दहलावास स्थित एसटीपी प्लांट के लोकार्पण समारोह में कही. इस प्लांट का जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने अपग्रेडेशन किया और साथ में इसके पास 90 एमएलडी क्षमता का नया प्लांट भी लगाया है. इस तरह यहां अब 215 एमएलडी तक सीवरेज पानी का ट्रीटमेंट किया जा सकेगा. 


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इस लोकार्पण के मौके नगर निगम मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर, विधायक डॉ. कैलाश वर्मा समेत अन्य अलग अलग राज्यों के शहरों में महापौर भी मौजूद रहे. देहलावास में नगर निगम के पहले से दो प्लांट (62.5-62.5 एमएलडी क्षमता के) संचालित थे, जिनको एएसपी तकनीक से एसबीआर (सीक्वेंसिंग बैच रिएक्टर) तकनीक में अपग्रेड किया गया. इनका अपग्रेडेशन के पीछे कारण ये प्लांट एनजीटी के नियमों के मुताबिक फंक्शनल नहीं थे. इनके अपग्रेड होने ये अब इनसे साफ होने वाला पानी की क्वालिटी पहले से और बेहतर हो गई. नया प्लांट बनने के बाद अब यहां 1.2 और 1.5 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता का बायोगैस और सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जाएगा.



एक रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर शहर के मानसरोवर, मालवीय नगर, प्रताप नगर सांगानेर समेत कई बड़े क्षेत्रों से 150 एमएलडी सीवरेज का पानी रोजाना देहलावास प्लांट आता है, लेकिन पहले यहां 125 एमएलडी क्षमता के ही दो प्लांट थे. इसे देखते हुए सरकार ने इसके पास ही नया 90 एमएलडी क्षमता का प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी, जिसका काम आज पूरा हुआ. नगर निगम इंजीनीयरों के मुताबिक इस प्लांट में साफ होने वाले पानी का उपयोग इंडस्ट्रीज में किया जा सकता है. देहलावास के पास सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां इसे सप्लाई किया जा सकता है. ये पानी मशीनों को साफ करने, पार्को में सिंचाई करने समेत अन्य कार्यो में उपयोग किया जा सकता है. सांगानेर में पेपर इंडस्ट्रीज और कपड़ा उद्योगों में भी इस पानी का उपयोग हो सकता है. 



मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने कहा कि जयपुर नगर निगम ग्रेटर अब औद्योगिक घरानों को पानी बेचने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा. शहर में हुए मेयर समिट में ये आइडिया सूरत के मेयर के साथ डिस्कस किया है. गुजरात में ही इस तरह से काम हो रहे हैं.



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