Jaipur News : राजस्थान को पानी पिलाने वाले पीएचईडी विभाग में एक बार फिर से इंजीनियर्स की डीपीसी के लिए अजमेर में मंथन होगा. ये चौथा मौका होगा जब आरपीएससी चैयरमैन के साथ डीओपी सैकेट्री,पीएचईडी एसीएस डीपीसी के लिए अजमेर जाएंगे. इंजीनियर के आपसी खींचतान के चलते डीपीसी पर संकट लगातार मंडरा रहा है, ऐसे में क्या क्या इंजीनियर्स की डीपीसी होगी पाएगी या एक बार फिर से डीपीसी पर तलवार लटकेगी.


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डीपीसी में इनका नाम आगे
चीफ इंजीनियर्स की दो सीटों के लिए इस साल डीपीसी होनी है. पैनल में एडिशनल चीफ इंजीनियर हुकुमचंद वर्मा,केडी गुप्ता,देवराज सौलंकी और रिटार्यड एडिशनल चीफ इंजीनियर मुकुल भार्गव का नाम है. रिव्यू डीपीसी मुकुल भार्गव के केस में होगी. उन्हे रिटायरमेंट के बाद चीफ इंजीनियर की कुर्सी का लाभ मिलेगा. चीफ की कुर्सी में सबसे बड़ी दावेदारी एडिशनल चीफ इंजीनियर हुकुमचंद वर्मा की है.हुकुमचंद वर्मा देवराज सोलंकी से सीनियर है. हुकुमचंद वर्मा अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं में एससी कोटे से सबसे सीनियर है.


एडिशनल चीफ के ये दावेदार
मैकेनिकल में अधीक्षण अभियंता शुभांशु दीक्षित का नाम दौड में सबसे आगे है. हालांकि उदयभानू माहेश्वरी सीनियर, लेकिन रिश्वतकांड के बाद लिफाफा बंद है. जब तक जांच पूरी नहीं होती,तब तक प्रमोशन नहीं हो सकता. सिविल इंजीनियर्स में अधीक्षण अभियंता राजीव गुरतू, ऋषि शर्मा, भवराराम चौधरी, पूरण चंद भिंडा, बलराम शर्मा, अजय सिंह राठौड का नाम दौड में चल रहा है.


रिव्यू डीपीसी होगी तो ऐसा हो सकता है
सरकार रिव्यू डीपीसी करेगी तो देवराज सोलंकी सीनियर एडिशनल चीफ इंजीनियर होंगे और पोस्ट खाली होने का फायदा सोलंकी को मिल सकेगा. केडी गुप्ता चीफ इंजीनियर रेस में बाहर हो जाएंगे. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि केडी गुप्ता को बिना डीपीसी किए, इस साल पहले ही चीफ इंजीनियर बनाया गया है. लेकिन रिव्यू डीपीसी के बाद गुप्ता चीफ इंजीनियर की कुर्सी छोड़कर एडिशनल चीफ इंजीनियर की कुर्सी पर बैठना होगा.


रिपोर्टर- आशीष चौहान 


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