Jaipur News: राजस्थान की जयपुर पुलिस द्वारा डोर टू डोर सर्वे को पुख्ता करते हुए लोगों का तमाम डाटा डिजिटल संग्रह करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जयपुर पुलिस द्वारा नजर एप लॉन्च किया गया है, जिसके तहत मकान, दुकान, होटल, ऑफिस और हॉस्टल आदि पर संबंधित पुलिस बीट कांस्टेबल व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर संपत्ति स्वामी की सामान्य जानकारी एप्लीकेशन में फीड करेगा. 


यह भी पढ़ेंः वसुंधरा के बेहद करीबी पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत के एक ट्वीट से सियासी हड़कंप, जानें क्या है सच्चाई


इसके अलावा वहां पर किराए से रहने वाले लोगों का आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य आईडेंटिटी दस्तावेज लेकर उनकी तमाम जानकारी एप्लीकेशन में डिजिटल फीड करेगा. जिस भी व्यक्ति की जानकारी एप्लीकेशन में फीड की जाएगी, उसकी फोटो मौके पर खींची जाएगी. इसके साथ ही उस व्यक्ति के आधार से जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भी प्राप्त होगा. 


उस ओटीपी को एप्लीकेशन में डाल एंटर करने के बाद ही उसका वेरिफिकेशन पूर्ण माना जाएगा. मैसेज के जरिए संपत्ति के मालिक को वहां पर रहने वाले लोगों के वेरिफिकेशन होने की जानकारी प्राप्त होगी. इस एप्लीकेशन को एक निजी कंपनी के सहयोग से विकसित करवाया गया है. एप को विकसित करने में साइबर सेल के कांस्टेबल राकेश झाझरिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 


यह भी पढ़ेंः नड्डा-शाह ने फाइनल की BJP की पहली सूची! गुटबाजी को लेकर कई नेताओं को लगी फटकार


इस एप के जरिए फ्लोटिंग पॉपुलेशन की तमाम जानकारी पुलिस के पास डिजिटली हर वक्त मौजूद रहेगी और महज एक क्लिक के जरिए व्यक्ति की तमाम कुंडली पुलिस खंगाल सकेगी. एप के प्रयोग को लेकर तमाम बीट कांस्टेबल को ट्रेनिंग दी जा रही है और ट्रेनिंग के बाद हर हफ्ते तकरीबन 25 लोगों का डिजिटल वेरीफिकेशन किया जाएगा. 


यह भी पढ़ेंः राजस्थान में 5 अक्टूबर को हो सकता है चुनाव का ऐलान! सभी जिलों के कलेक्टर-SP तलब