राजस्थान विधानसभा का किसान संघ करेंगे घेराव, 16 मई को जयपुर के शहीद स्मारक पर जुटेगा का दल
Jaipur: भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में प्रदेश के किसान 16 मई को जयपुर कूच करेंगे. किसान शहीद स्मारक पर इकट्ठे होंगे. इसके बाद रैली के रूप में सचिवालय घेराव के लिए रवाना होंगे. किसानों ने राज्य सरकार से विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग की है.
Jaipur: भारतीय किसान संघ खुलकर विरोध में उतर रहा है. राजस्थान के किसान 16 मई को जयपुर कूच करेंगे. संगठन के आंदोलन संयोजक तुलछाराम सिंवर ने प्रेसवार्ता में बताया कि किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने व प्रदेश में कृषि विकास दर को बढ़ाने के लिए किसानों को सस्ता व टैक्स मुक्त कृषि आदान मिले,हर खेत को सिंचाई हेतु नहर का पानी मिले,सिंचाई के लिए सभी किसानों को पर्याप्त,निर्बाध,गुणवत्तायुक्त,निशुल्क बिजली मिले, फसलों में नुकसान की क्षतिपूर्ति मिलना जरूरी है.
आश्वासन नहीं मिलता तबतक आंदोलन जारी रहेगा
इन प्रमुख बिंदुओं से संबंधित मांगो को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस आन्दोलन में प्रदेशभर से सभी जिलों से किसान 15 मई को जयपुर कूच करेंगे.इसे बाद 16 मई को सुबह प्रदेशभर के आए सभी किसान शहीद स्मारक पहुचेंगे.
वहां, से रैली के रूप में सचिवालय घेराव कूच करेंगे. सिंवर ने कहा कि जब तक सरकार से मांगों को पूरा करने के लिए ठोस और लिखित में आश्वासन नहीं मिलता तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
प्रदेश मंत्री मंजू दीक्षित ने बताया कि खेती हो या किसानी,सभी कार्यों में महिलाएं भी बराबर की भागीदारी निभाती आ रही हैं.ऐसे में किसानों की मांगों को लेकर आंदोलन है तो महिलाएं पीछे नहीं रहेगी.सचिवालय के घेराव में बड़ी संख्या में महिलाएं जयपुर पहुंचेगी.
कई बजट घोषणाएं की हैं
दिक्षित ने कहा सरकार किसानों से संबंधित कई बजट घोषणाएं की है, लेकिन धरातल पर नहीं उतरी इसमें प्रमुख रूप से किसानों को दिन में बिजली देने हेतु विद्युत तंत्र के समुचित विस्तार करने,प्रदेश में 35 से अधिक कृषि प्रसंस्करण के मेगा,मिनी,एग्रो फूड पार्कों बनाने,किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र व ड्रोन उपलब्ध करवाने,सभी किसानों को 2022 तक के लंबित कृषि कनेक्शन जारी करने की बजट घोषणा,कृषि विद्युत कंपनी बनाने,संभाग मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों पर विभिन्न सुविधाएं विकसित करने की बजट घोषणाओं को पूरा करने की मांग कर रहे है.
जयपुर प्रांत महामंत्री सांवरमल सोलेट ने बताया कि फसलों की पैदावार की लागत लगातार बढ़ रही है, इसके लिए कृषि आदानो पर लग रहे 5 से लेकर 28 प्रतिशत तक का टैक्स जिम्मेदार है.
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