Jaipur: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बजट घोषणा 2020-21 के अनुरूप रिफाइनरी के साथ पचपदरा और बाड़मेर में राजस्थान पेट्रो जोन (आरपीजेड) रीको के सहयोग से विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस जोन में 25 हजार करोड़ से अधिक रुपये के निवेश प्रत्याशित है. साथ ही भारी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की आर्थिक प्रगति भी सुदृढ़ होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें- Weather Forecast : उबलते राजस्थान में फिर एक्टिव मानसून, मौसम विभाग ने हल्की से भारी बारिश की चेतावनी दी


मुख्य सचिव सोमवार को शासन सचिवालय में राजस्थान पेट्रो जोन की स्टेट एंपावर्ड कमेटी की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थीं. मुख्य सचिव ने एमडी रीको शिवप्रसाद नकाते को निर्देशित करते हुए कहा कि आरपीज़ेड का मास्टर प्लान शीघ्र तैयार करें और निवेश के नए क्षेत्र विकसित करें. साथ ही इस क्षेत्र के लिए पर्यावरणीय अनुमति शीघ्र लेने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से निकलने वाले विभिन्न उत्पादों पर आधारित बड़े-बड़े उद्योग समूहों ने यहां निवेश में रुचि जताई है.


बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया कि 1000 करोड़ की लागत से प्रथम चरण में 50 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में राजस्थान पेट्रो जोन का विकास किया जाएगा. इस अवसर पर एमडी रीको ने पेट्रो जोन से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया और बताया कि प्रथम चरण में क्षेत्र स्थित बोरावास में 100 करोड़ की लागत के काम शुरू कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पानी की सुचारु व्यवस्था के लिए नाचना से पेट्रो जोन तक पाइप लाइन बिछाने के लिए रीको की ओर से पीएचईडी को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है.


उन्होंने कहा कि यहां निवेश के लिए देश और विदेशी कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिन्हें रिप्स के अंतर्गत कस्टमाइज पैकेज ऑफर किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारत सरकार को जून 2021 में आवेदन किया गया था और कैबिनेट सचिव के समक्ष जनवरी 2022 में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया था. बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा उपस्थित थे. साथ ही संबंधित विभागों के प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव एवं उच्चाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया.


जयपुर की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें.