Jaipur News: भांकरोटा में 20 दिसंबर को हुए भीषण अग्निकांड में घायल टैक्सी ड्राइवर शत्रुघन सिंह आज दर-दर भटकने को मजबूर है. हादसे के दौरान शत्रुघन सिंह का चेहरा झुलस गया, लेकिन अपनी परवाह किए बिना उसने कई झुलसे लोगों की जान बचाने में मदद की.


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प्रशासन की ओर से अब तक उसे घायलों की सूची में शामिल नहीं किया गया है. शत्रुघन सिंह का कहना है कि वह हादसे के समय अपने ऑटो में सब्जी लेकर घर जा रहे थे. अचानक आग का विकराल रूप देखकर उसने अपनी जान बचाने के लिए ऑटो छोड़ दिया.



 शत्रुघन सिंह ने कहा कि इस दौरान उसका ऑटो जलकर राख हो गया और चेहरा झुलस गया. बावजूद इसके,शत्रुघन सिंह ने घटनास्थल पर जलते हुए लोगों को बचाने के लिए गांव की गाड़ियां रोककर, लोगों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की.



21 दिसंबर को शत्रुघन सिंह ने अपने झुलसे चेहरे का इलाज कराने के लिए जयपुर के SMS अस्पताल में पहुंचे, जहां उन्होंने प्राथमिक उपचार कराया.  उसे जल्द ही छुट्टी दे दी गई. प्रशासन की ओर से अब तक ना तो शत्रुघन को घायल सूची में शामिल किया गया है और ना ही किसी प्रकार की आर्थिक सहायता दी गई है.



शत्रुघन सिंह का कहना है कि हादसे के समय उसे अपने चेहरे की चिंता करने का मौका नहीं मिला. उसकी प्राथमिकता झुलसे हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाना थी. तेजी से आग को फैलता देखकर शत्रुघन सिंह ने कई बार गाड़ियां रोक-रोककर लोगों से मदद मांगी और एंबुलेंस में मरीजों को बैठाया.



शत्रुघन सिंह ना केवल अपना रोजगार खो चुका है, बल्कि प्रशासन की अनदेखी के कारण आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है. इस हादसे में घायल लोगों की सूची में शामिल ना होने के कारण उसे किसी भी सरकारी सहायता का लाभ नहीं मिल रहा है. शत्रुघन सिंह के साहस और मानवता की प्रशंसा तो हो रही है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता उसके दर्द को बढ़ा रही है.