Property E-auction Portal: सरकार की तरफ से जमीनों और मकान की ई-नीलामी के लिए 'बैंकनेट' पोर्टल लॉन्च किया गया है. इस पोर्टल के जरिये आप सस्ते में मकान और प्लॉट आदि खरीद सकते हैं.
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Banknet Portal: आपने कई बार अपने आस-पास दुकान, मकान या फैक्ट्री आदि की नीलामी होते हुए देखी होगी. लोगों का अक्सर यह मानना होता है कि ऐसी प्रॉपर्टी बाजार रेट से सस्ते पर मिल जाती हैं. कई बार इस तरह की संपत्ति के बारे में लोगों को समय से जानकारी भी नहीं मिल पाती. लेकिन अब सरकार की तरफ से ऐसा पोर्टल लॉन्च कर दिया गया है जिसके जरिये ई-नीलामी से संपत्ति बेचने में मदद मिलेगी. जी हां, इस पोर्टल के जरिये कमर्शियल प्रॉपर्टी, इंडस्ट्रियल प्लॉट, दुकान, व्हीकल और एग्रीकल्चर लैंड आदि की ई-नीलामी की जा सकेगी. इस पोर्टल पर पूरी जानकारी एक ही जगह मिलेगी. यानी आप 'बैंकनेट' (Banknet Portal) नाम के इस पोर्टल के जरिये सस्ती प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे.
सभी बैंकों से जानकारी इकट्ठा होकर पोर्टल पर मिलेगी
वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने कमर्शियल प्रॉपर्टी, इंडस्ट्रियल लैंड, दुकानों, वाहनों और एग्रीकल्चर-नॉन एग्रीकल्चर लैंड के ई-ऑक्श्न के लिये नया पोर्टल लॉन्च किया. वित्त मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया कि 'बैंकनेट' (Banknet Portal) पोर्टल ई-नीलामी वाली चीजों और प्रॉपर्टी के बारे में पब्लिक सेक्टर के सभी बैंकों से जानकारी को इकट्ठा करता है. इसके साथ ही यह पोर्टल खरीदारों और निवेशकों को संपत्तियों की एक विस्तृत शृंखला तलाशने का एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है.
पब्लिक सेक्टर के बैंकों की बकाया वसूली में मदद मिलेगी
बयान के अनुसार 'बैंकनेट' पर लिस्टेड होने वाली प्रॉपर्टी में फ्लैट, घर और खुले भूखंड, कमर्शियल प्रॉपर्टी, इंडस्ट्रियल लैंड एवं भवन, दुकानें, वाहन, प्लांट एवं मशीनरी और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि शामिल हैं. इन सभी प्रॉपर्टी की डिटेल को एक ही जगह पर इकट्ठा कर यह पोर्टल संपत्तियों की ई-नीलामी के बारे में जानकारी जुटाने और उसमें भाग लेने के प्रोसेस को आसान बनाता है. इससे खरीदारों और निवेशकों के लिए मूल्यवान मौकों की पहचान करना आसान होगा. इस अवसर पर नागराजू ने कहा कि इस मंच की शुरुआत से पब्लिक सेक्टर के बैंकों की बकाया वसूली में मदद मिलेगी, जिससे बैंकों के बहीखाते में भी सुधार होगा और कारोबारियों एवं व्यक्तियों के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ेगी.
उन्होंने इस पहल में पब्लिक सेक्टर के बैंकों, भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) और लोन वसूली न्यायाधिकरणों (DRT) द्वारा निभाई गई अहम भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि उनका सहयोग ही इस प्लेटफॉर्म की सफलता की कुंजी है. नागराजू ने कहा, 'इस प्लेटफॉर्म से संकटग्रस्त संपत्तियों के मूल्य को हासिल कर और निवेशकों का भरोसा बढ़ाकर समग्र आर्थिक माहौल को बेहतर करने की उम्मीद है. तकनीक के इस्तेमाल से यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, कुशल और सुलभ होगी.'
संशोधित पोर्टल में बेहतर और उन्नत सुविधाएं जोड़ी गई हैं. इसमें स्वचालित एवं एकीकृत भुगतान गेटवे और केवाईसी उपकरण, 'खर्च विश्लेषण' के लिए डैशबोर्ड सुविधा और एक क्लिक पर विभिन्न 'एमआईएस रिपोर्ट' उपलब्ध होंगी. ग्राहकों के लिए कॉलबैक अनुरोध सुविधा के साथ एक समर्पित हेल्पडेस्क और कॉल सेंटर सुविधा भी है. वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने पोर्टल का प्रभावी और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंक अधिकारियों और डीआरटी में सभी वसूली अधिकारियों को 'बैंकनेट' की खासियतों के बारे में पहले ही प्रशिक्षण दे दिया है. 1.22 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी को नीलामी के लिए पोर्टल पर ट्रांसफर कर दिया गया है.