Jaipur Smart City News: स्मार्ट सिटी मिशन के काम पूरा करने में पिछड़ रहे शहरों के लिए राहत की बड़ी खबर है. केंद्रीय शहरी मंत्रालय इस मिशन की समयसीमा करीब जून-2014 तक बढ़ा दिया हैं. जयपुर स्मार्ट सिटी के अफसरों ने भी इस मियाद को बढने से राहत की सांस ली हैं. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कुल 133 में से 20 प्रोजेक्ट अधूरे हैं. जिनमें से 12 प्रोजेक्ट का काम जुलाई माह तक पूरा करने का अफसर दावा कर हैं. शेष 8 प्रोजेक्ट को पूरा करने में अगले साल तक इंतजार करना होगा.


जयपुर स्मार्ट सिटी मिशन के 133 में से 20 प्रोजेक्ट अधूरे


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केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन का कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाते हुए 30 जून 2024 कर दिया है. स्मार्ट सिटी को एक्टेंशन मिलने से अब रामनिवास बाग अंडरग्राउंड पार्किंग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, अभय कमांड सेंटर का अपग्रेडशन, सोलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन सहित 248 करोड के 20 प्रोजेक्ट 2024 से पहले हर हाल में पूरे करने होंगे.


सीईओ राजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रोजेक्ट का किया रिव्यू 



जयपुर स्मार्ट सिटी सीईओ राजेन्द्र सिंह शेखावत ने आजत पदभार संभालने के बाद पहली बार प्रोजेक्ट का रिव्यू किया. उन्होंने बताया की वर्तमान में स्मार्ट सिटी के 133 प्रोजेक्ट में से 113 प्रोजेक्ट के काम पूरे हो चुके हैं और 20 प्रोजेक्ट में काम चल रहा हैं. जिसमें से 12 प्रोजेक्ट का काम जुलाई माह तक कंपलीट कर लिया जाएगा. शेष 8 प्रोजेक्ट का काम अगले साल तक पूरा कर लिया जाएगा.


इन प्रोजेक्ट की कुल लागत 1 हजार करोड़ हैं. जिनमें पूरे हो चुके 113 प्रोजेक्ट की राशि करीब 736 करोड़ बताई गई हैं. स्मार्ट सिटी परियोजना में जो काम अब तक हुए हैं, उसका सीधे तौर पर जनता को फायदा मिलता नहीं दिखाई दे रहा है. कई काम तो बेवजह स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने जमीन पर उतारे और फिर खुद ही उनको हटा दिया. यही वजह रही कि करोड़ो रूपए खर्च होने के बाद भी स्थिति जस की तस है. इतना पैसा खर्च होने के बाद भी न तो मुख्य बाजारों के इमारतों की सूरत बदली और न ही ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त हुआ.बरसात के दिनों में कई जगह पानी भर जाने की शिकायतें आती हैं जबकि इन कामों में पानी की तरह पैसा बहाया गया.स्मार्ट टॉयलेट की स्थिति तो और भी खराब है.


जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम जुलाई माह में कंपलीट


1-चौगान स्टेडियम में फेज-1 का इंटीग्रेटेड वर्क का काम-लागत 21.37 करोड
2-स्मार्ट सीवरेज, मैनेहॉल,स्ट्रीट लाइट और पार्किंग सेंसर मॉनिटरिंग-मैनेजमेंट सिस्टम-3.90 करोड
3-वर्क इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम नगर निगम हैरिटेज-ग्रेटर में- लागत 10.51 करोड
4-वॉल सिटी में हैरिटेज बिल्डिंग-मुख्य बाजारों में फसाड लाइटिंग का काम-3.23 करोड
5-जामा मस्जिद जौहरी बाजार का रिनोवेशन का काम-2.33 करोड
6-महाराज कॉलेज की लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन का काम-2.30 करोड
7-जलभराव की समस्या खत्म करने के लिए चौगान स्टेडियम से राजहंस कॉलोनी तक ड्रेनेज सिस्टम-83 लाख
8-चारदीवारी क्षेत्र में पांच गेट का रिनोवेशन का काम- 62 लाख
9-रामगंज चौपड से चारदरवाजा वॉल सिटी में डेकेारेटिव पोल्स लगाने का काम-57 लाख
10-सुभाष चौक से चारदरवाजा वॉल सिटी में डेकेारेटिव पोल्स लगाने का काम-25 लाख
11-हैरिटेज वॉक रूट और मुख्य बाजारों-गेट पर साइनेज लगाने का काम-15 लाख
12-जयसिंह पुरा खोर में 50 एमएलडी का एसटीपी का अपग्रेडशन का काम- 4.27 करोड


इन प्रोजेक्ट के लिए करना होगा इंतजार


1-रामनिवास अंडरग्राउंड पार्किंग प्रोजेक्ट-83.85 करोड (दिसंबर-2023 डेडलाइन)
2-पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल गणगौरी बाजार का काम-44.61 करोड
3-अभय कमांड सेंटर एंड कंट्रोल सेंटर के अपग्रेडेशन का काम-35 करोड
4-निगम हैरिटेज में दो सोलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन का काम 100 MT -13.14 करोड
5-काले हनुमानजी मंदिर से कंवर नगर सामुदायिक केंद्र तक ड्रेनेज का काम- 2.07 करोड
6-लांगडियावास में मेटेरियल रिकवरी फेसिलिटी का प्लांट-10 करोड लागत
7-किशनपोल बाजार में गर्वेमेंट गर्ल्स कॉलेज का काम- 8.46 करोड
8- जलमहल की पाल पर साइकिल ट्रेक का काम- 53 लाख रूपए


पौंडरीक पार्क में पार्किंग-राजनीतिक दबाव के चलते स्मार्ट सिटी ने भूमिगत पार्किंग का काम शुरू किया. क्षेत्रवासियों ने विरोध किया, बाद में मामला कोर्ट तक पहुंचा. फिलहाल पार्किंग का काम बंद है. कोर्ट के आदेश से पहले पार्क में कई पेड़ काटे जा चुके थे.

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जयपुर स्मार्ट सिटी सीइओ राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया की अब अधिकतर प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं. ऐसे में प्रोगामर मैनेजमेंट कंस्लटेंट (पीएमसी ) में प्रोजेक्ट के अनुसार स्टाफ को रखा जाएगा. इसके लिए भी रिव्यू किया जा रहा हैं. साथ में उन्होंने कहा की नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज पर 10-10 करोड रूपए यानि 20 करोड़ रूपए अंशदान का बकाया चल रहा है. इसके लिए निगम प्रशासन को लेटर लिखा जाएगा. वहीं आगे पैसा बचेगा तो उसी अनुसार नए काम सेंक्शन किए जाएंगे.

गौरतलब है कि शहर के वॉल सिटी के अंदर ही पर्यटन के विकास को लेकर कई उम्मीदें और योजनाएं है लेकिन अभी साकार नहीं हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि वॉल सिटी पर्यटकों का मुख्य केन्द्र है लेकिन आज भी वहां कई मूलभूत समस्याएं सामने खड़ी है. वॉल सिटी एक जैसी दिखे उस पर अभी काम नहीं हुआ.आठ साल में पूरी वॉल सिटी एक स्वरूप में नहीं दिखी.


बहरहाल, देश की 20 स्मार्ट सिटी में जयपुर के नाम का जब चयन हुआ तो शहरवासियों के चेहरे खिल उठे थे, पर आठ साल में स्मार्ट सिटी जैसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. स्मार्ट सिटी की शुरुआत जन भागीदारी से हुई लेकिन अब इसके क्रियान्वयन में जनता की भागीदारी नहीं है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बताया गया था कि एक कुशल, स्वच्छ, स्वास्थ्यप्रद, खुशहाल व समावेशी शहर का निर्माण किया जाएगा. जहां सभी कार्यक्रम, कार्य योजनाएं, नीतियों का निर्माण, क्रियान्वयन, उनका देखरेख, मूल्यांकन स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर किया जाएगा, ताकि शहरी गुणवत्ता में सुधार हो.आज कोई यह पूछने वाला नहीं होने से तय उद्देश्यों से हट कर कार्य किए जा रहे हैं.