Jaipur news: यदि सबकुछ ठीक रहा तो जयपुर के चारों हिस्सों को जोडते हुए रिंग रेलवे कांसेप्ट पर काम किया जाएगा. जयपुर शहर में बढती आबादी को देखते हुए केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इस बात के संकेत दिए. रिंग रेलवे कांसेप्ट पूरा होता है तो ना केवल राजधानी की सडकों पर ट्रैफिक कम होगा बल्कि आए दिन होने वाले दुर्घटना भी कम हो जाएगी. रिंग रेलवे की बाहरी रेलवे स्टेशनों से कनेक्टविटी होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राज्य और केंद्र सरकार काम करेगी
जयपुर के चारों हिस्सों को जोडते हुए रिंग रेलवे बनाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार काम करेगी. केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज जयपुर में बढती आबादी को देखते हुए रिंग रेलवे कांसेप्ट पर काम करने की जरूरत बताई. विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान अपने संबोधन में उन्होने कहा की आज जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर केदर्शन करते हुए एक अद्वभुत विचार आया की जयपुर में रिंग रेलवे बने तो यहां के पर्यटन को पंख लग जाएंगे. 


रेलवे मंत्री से इस संदर्भ में चर्चा हुई
उन्होने मंच से ही अधिकारियों को इसका प्लान बनाने के निर्देश दिये.कहा की इस प्लान को लेकर सीएम से भी बात करेंगे. उन्होने कहा की 40 लाख आबादी वाले इस शहर में रिंग रेलवे बनना चाहिए. रिंग रेलवे बनेगा तो जयपुर में अगले 30-40 साल डेवलपमेंट ग्रोथ होगी.जयपुर में रिंग रेलवे कांसेप्ट को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा की केंद्रीय रेलवे मंत्री से इस संदर्भ में चर्चा हुई हैं.उन्होने हमें जमीन उपलब्ध करवाने के लिए कहा है.और इसके अलावा सारा काम रेलवे करेगा.


इस पर अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी. उसके बाद पूरी विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी. किस तरह से जयपुर के चारों हिस्सों को जोडकर रिंग रेलवे कांसेप्ट को पूरा किया जा सकता है. रिंग रेलवे से सड़कों की ट्रैफिक कम होगी बल्कि आए दिन होने वाले दुर्घटना भी कम हो जाएगी.


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के शिविर में राष्ट्रीय युवा दिवस पर सबसे पहले युवाओं को संबोधित करते हुए कहा की 2047 तक भारत विकसित होगी. पीएम मोदी का एक-एक पल और देश का एक एक पैसा देश को विकसित करने के लिए है. 9 साल में भारत को पुरी दुनिया में सम्मान मिलने लगा है.


रेलवे स्टेशनों से कनेक्टविटी
10 साल पहले मोबाइल फोन के पार्ट्स बाहर से आते थे. अब 99 फीसदी भारत में बनते हैं. लाल किले पर सलामी के लिए जो तोपे हैं वो भी बाहर की है. लेकिन अब वो देश में बनने लगी हैं. जिस तेजस को चलाते हुए मोदी की तस्वीरें आपने देखी, वो भी मेड इन इंडिया है. राजस्थान को पहले रेलवे के लिए 682 करोड़ का बजट दिया गया था, अब मोदी जी 9532 करोड़ दे रहें हैं. कल सीएम भजनलाल शर्मा के साथ बैठक हुई जिसमें चर्चा हुई की रेलवे डेवलवमेंट पर काम होना चाहिए. डबल इंजन की सरकार हैं. इस पर सीएम भजनलाल शर्मा ने चीफ सेकेट्री को निर्देश दिए की राजस्थान सरकार और रेलवे के अधिकारी हर महीने मीटिंग करेंगे.


बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं कि रिंग रेल जयपुर की लाइफ लाइन बन शक्ति है. प्रदूषण मुक्त में सहयोगी बन सकती है तो दुर्घटना रहित यातायात व्यवस्था की सवारी भी हो सकती है. बाहरी रेलवे स्टेशनों से इस रिंग रेलवे को जोडने से रिंग रेल सेवा कारगार साबित होगी. रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने तक आसानी होगी.


यह भी पढ़ें: कैबिनेट मंत्री हेमंत मीणा ने किया शिविरों का अवलोकन,कहा-सबका साथ सबका विकास है हमारी मंशा