Jaipur News: न्यायिक अधिकारी के घर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुभाष मेहरा के आत्मदाह से जुडे मामले में शनिवार को अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारियों का सामूहिक अवकाश जारी रहा. कर्मचारी बीते 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं. 


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वहीं, राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर कहा गया है कि कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं. ऐसे में समस्त स्टॉक, स्टोर, पुस्तकें, चार्जशीट और बयानों सहित अन्य दस्तावेज और कंप्यूटर का डाटा संबंधित पीठासीन अधिकारी के नियंत्रण में हैं. ऐसे में यदि इनमें से कोई सामग्री गायब होती है तो उसकी जिम्मेदारी उन पीठासीन अधिकारी की ही होगी.


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कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कई अदालतों में निजी व्यक्ति कोर्ट के कंप्यूटर डाटा से छेड़छाड़ कर रहे हैं. ऐसे में कोर्ट की गोपनीयता भंग होने के साथ-साथ बेशकीमती डाटा भी चोरी होने की संभावना है. वहीं मोबाइल कोर्ट में चालान पुलिसकर्मी जमा कर रहे हैं, लेकिन राशि को राजकोष में जमा नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में इस राशि के गबन होने की भी संभावना है. 


कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतबीर सिंह और संघर्ष समिति के अध्यक्ष बद्रीलाल चौधरी ने बताया कि सामूहिक अवकाश के 16वें दिन डीजे सिटी कोर्ट से लेकर जिला कोर्ट तक रैली निकाली गई. वहीं सीजे पंकज मित्थल से वार्ता के बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई हैं. इसलिए अब न्यायिक कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन देने दिल्ली जाएंगे. 


गौरतलब है कि एनडीपीएस मामलों की विशेष कोर्ट में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा ने 10 नवंबर को न्यायिक अधिकारी के घर की छत पर आत्मदाह कर लिया था. न्यायिक कर्मचारियों का कहना है कि सुभाष की हत्या हुई है. इसलिए मामले की सीबीआई जांच करवाई जानी चाहिए. इसके साथ ही कर्मचारी न्यायिक अफसर को एपीओ करने, मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए मुआवजा सहित एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं.



Reporter- Mahesh Pareek