Jaipur: मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने सचिवालय में अटल भूजल योजना के तहत राज्य अंतरविभागीय संचालन समिति की तीसरी बैठक ली.  मुख्य सचिव ने कहा कि अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य गिरते भूजल स्तर को रोकना, गांव को जल के मामले में स्वावलंबी बनाना और मौजूदा जल स्रोतों से जल की आवश्यकता को पूरा करना है.  जन सहभागिता से इस कार्य को किया जा सकता है.  जल की जरूरत को कैसे पूरा करें यह जन समुदाय को समझाना आवश्यक है. 


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योजना के तहत चयनित 1 हजार 141 ग्राम पंचायतों में भूजल स्तर सबसे निम्न है और कुछ ग्राम पंचायतों में जलभराव की समस्या है.  ऐसे में नवीनतम सिंचाई तकनीकों जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर के प्रयोग से 30 से 40 प्रतिशत तक पानी बचाया जा सकता है.  सभी मिलकर प्रयास करें कि किसानों में जल के अपव्यय एवं दुरुपयोग को रोकने और सही तरह से उपयोग करने के प्रति संवेदनशीलता विकसित हो तथा उनमें व्यवहारगत परिवर्तन हो तभी इस योजना का उद्देश्य पूरा हो पाएगा. 


मुख्य सचिव ने इस योजना में सहभागी सभी 9 विभागों को ग्राम पंचायत स्तर पर किए जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. आगामी ढाई वर्षों में एक लाख हेक्टेयर भूमि में ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति का प्रयोग करने पर योजना के तहत भारत सरकार से 1025 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी. 


अतिरिक्त मुख्य सचिव भूजल विभाग डॉ सुबोध अग्रवाल वीसी के माध्यम से बैठक में उपस्थित थे. साथ ही पंचायती राज विभाग के सचिव नवीन जैन, संयुक्त सचिव जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग राम प्रकाश, प्रोजेक्ट डायरेक्टर सूरजभान सिंह, नोडल अधिकारी वी एन भावे एवं अन्य मौजूद रहे. 


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