Jaipur Yojana Bhawan Case Update: राजधानी जयपुर में योजना भवन के बेसमेंट में रखी अलमारी से निकले कैश और गोल्ड के मामले में गिरफ्तार हुए DOIT के ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव को सरकार ने निलंबित कर दिया है. पूरे मामले में शनिवार देर रात जयपुर पुलिस ने वेदप्रकाश यादव को ACB के लिए हैंडओवर कर दिया. जिसके बाद पूरे मामले में एसीबी की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई और वेदप्रकाश यादव को गिरफ्तार किया गया. रविवार को एसीबी ने वेदप्रकाश को गिरफ्तार कर रविवार को जज के घर जाकर पेश किया.


योजना भवन के कैश और गोल्ड के मामले में वेद प्रकाश यादव निलंबित 


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जहां से उसे 3 दिन के रिमांड पर सौंप दिया गया है. अब पूरे मामले मे ACB की पूछताछ जारी है लेकिन पूरे मामले मे सवाल खड़े होते है कि आखिर राजधानी जयपुर में सरकार की नाक के नीचे सचिवालय के ठीक पीछे स्थित योजना भवन के बेसमेंट में डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी DOIT विभाग का जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव ने आखिर इतनी बड़ी घूस कैसे हासिल करी और कौन कौन से टेंडर्स में घूसखोरी हुई. सवाल ये भी है कि क्या इस पूरे मामले मे क्या सिर्फ वेद प्रकाश ही एकमात्र चेहरा है या फिर एसीबी अपनी जांच में कुछ और चेहरों को भी बेनकाब करेगी.


3 दिन के एसीबी रिमांड पर सौंपा


इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी जॉइंट डायरेक्टर वेदप्रकाश यादव को DOIT विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी IAS अखिल अरोडा ने आदेश जारी कर को निलंबित कर दिया है. पूरा मामला सामने आने के बाद पूरे DOIT महकमे में हड़कंप और खलबली जैसे हालात बने हुए हैं. शनिवार रात 3 बजे एसीबी ने आरोपी वेद प्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया. उसे पुलिस ने अपनी हिरासत से ACB को तब सौंप दिया, जब पुलिस ने CCTV में आरोपी जॉइंट डायरेक्टर को वह बैग अलमारी में रखते हुए देखा और हिरासत में लेने के बाद सख्ती से पूछताछ की, तो उसने 2.31 करोड़ रुपए को अपने रिश्वत का पैसा होने की बात को स्वीकार कर लिया. इसके बाद ACB ने रविवार को अवकाश के दिन आरोपी को कोर्ट के जज के समक्ष उनके घर पर पेश किया. जहां से कोर्ट ने उसे 3 दिन के एसीबी रिमांड पर सौंप दिया है.


वेद प्रकाश यादव से हर एंगल से पूछताछ जारी


एसीबी के एडिशनल एसपी ललित किशोर शर्मा इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. रिमांड के दौरान वेद प्रकाश यादव से हर एंगल से पूछताछ की जा रही है. एसीबी अब यह पता लगाने में जुटी है कि कब-कब, किस-किस ठेके और टेंडर में कितनी रिश्वत और कमीशन की राशि ली गई और इस भ्रष्टाचार में उसके साथ अन्य कौन-कौन अफसर-कर्मचारी शामिल रहे है या नहीं.


दरअसल जानकारी सामने आयी है कि वेदप्रकाश यादव परचेज कमेटी का मेंबर भी था और इस विभाग में सालों से रहते हुए यादव सालों से जमकर घूसखोरी करता रहा और सरकारी विभाग की अलमारी में ही घूस का पैसा प्राइवेट लॉकर की तरह जमा करता और निकालता रहा. अलमारी में 2.31 करोड़ से ज्यादा रुपए और सोने की 1 किलो सिल्ली से भरा बैग रखते रखते हुए पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाल कर आरोपी को देखा जिसके बाद सख्ती से पूछताछ की गई और वेदप्रकाश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. आज जी राजस्थान ने जब उससे ये जानने की कोशिश करी कि क्या घूस की राशि उसी की है क्या और कोई उच्च अधिकारी भी इसमें शामिल है क्या तो उसने जवाब दिया कि उसने एसीबी (ACB) को सबकुछ बताया दिया है.


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इस पूरे मामले में अब ACB यह पता लगाने में भी जुटी है कि विभाग से संबंधित डिजिटलाइजेशन और अन्य कामों के ठेके किस-किस फर्म को कब-कब दिए गए और उसमें कितनी कमीशन की राशि या भ्रष्टाचार का पैसा लिया गया और इसमें ज्वाइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव के अलावा परचेज कमेटी के अन्य कौन-कौन सदस्य शामिल रहे इसकी भी पूछताछ की जा रही है.