Lord Shri Krishna Birth Celebrations in Jaipur: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव देशभर में गुरुवार को जैसे ही घड़ी की सुइयां 12 बजे पर गई वैसे ही मंदिरों में घंटे-घड़ियाल और शंख बज उठे. लोगों ने एक दूसरे को कान्हा के जन्म की बधाई दी और मिठाई बांटी. इस दौरान मंदिरों में महिलाओं में कन्हैया के जन्म से जुड़े गीत गाए. मंदिरों में श्रद्धालुओं को कान्हा का प्रसाद भी बांटा गया. इस दौरान मंदिरों में लगाई गई झांकियां सबका मन मोह रही थी. 


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भक्तों की भाड़ी भीड़ ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की  जयकारे लगाकर प्रदेश के सभी मंदिरों में भगवान कृष्ण के प्राकट्य का उत्सव मनाया गया. जयपुर के आराध्यदेव गोविंददेव जी और नाथद्वारा के श्रीनाथ जी मंदिर में तोपों की सलामी दी गई. इसके साथ ही प्राकट्य आरती कर भगवान का श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया. मंदिर के बाहर भक्तों की भीड़ भगवान के दर्शन के लिए बेताब नजर आये. इसके अलावा जयपुर के अक्षयपात्र, इस्कॉन, अक्षरधाम मंदिर, चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलिया सेठ मंदिर में कन्हैया के दर्शन को भारी भीड़ द्वारा जयकारा लगाकर भगवान के दर्शन किए. 


गुरुवार देर रात गोविंददेव जी के मंदिर (जयपुर) पूर्व राज परिवार से दीया कुमारी, पद्मनाभ और राजमाता भी पूजा-अर्चना में शामिल हुईं। महापौर सौम्या गुर्जर मुनेश गुर्जर सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने भी अराध्यदेव का आशीर्वाद लिया.


भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर प्रदेशभर के मंदिरों में शाम से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई थी. जैसे ही 12 बजे मंदिरों में घंटे-घड़ियाल और शंख बजने लगे. इस दौरान भक्तों ने जन्म के गीत गाये और भगवान को भोग लगाये.  जयपुर के अक्षरधाम मंदिर में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की झांकी सजाई गई है, जिसमें उनकी बाल्यावस्था की अलग-अलग लीलाओं को प्रदर्शित किया गया है. सभी मंदिरों में कान्हा जी, यशोदा मैया, यमुना पार करते वासुदेव, राधा कृष्ण, कृष्ण बलराम और महाभारत युद्ध समेत कई मनमोहक झांकियां बनाई गई थीं.


लोगों ने गीत गाकर और नृत्य करके अपनी खुशी का इजहार किया. जिन लोगों ने 24 घंटे का कठिन व्रत रखा था, उन्होंने कान्हा के जन्म लेने के बाद विधि विधान से कान्हा को भोग लगाकर उसका पारण किया. वहीं जयपुर के मानसरोवर स्थित श्रीश्री गिरधारी दाऊजी जी इस्कॉन मंदिर में भोग लिए 1008 तरीके के व्यंजनों को तैयार कर भगवान को भोग लगाया गया.


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सांवलिया सेठ में पहली बार 1 हजार ड्रोन आसमान में कृष्ण लीला को दिखाया गया, तो राजसमंद के कांकरोली और नाथद्वारा मंदिर में रात 12 बजे बंदूक और तोप की सलामी दी गई. उदयपुर के जगदीश मंदिर में बुधवार रात को ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन हो चुका है. यहां गुरुवार को नंद उत्सव मनाया गया. जन्माष्टमी (Janmashtami Celebrations 2023) पर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है. लोग नए कपड़े पहनकर मंदिरों के दर्शन करने के लिए निकले.