JDA को है व्यापक लोक हित में नीलामी रद्द करने का अधिकार: जेडीए अपीलीय अधिकरण
अधिकरण ने यह आदेश संदीप कुमार की अपील को खारिज करते हुए दिए. अधिकरण ने कहा कि याचिकाकर्ता एक माह में जेडीए के विशेषाधिकारी को अपना बैंक का विवरण दे और जेडीए तय राशि छह फीसदी ब्याज सहित लौटा दे.
Jaipur: जेडीए अपीलीय अधिकरण ने टोंक रोड पर बजरी मंडी और ईपी के पास स्थित भूखंड की नीलामी को रद्द करने की जेडीए की कार्रवाई को सही माना है.
अधिकरण ने कहा कि जेडीए व्यापक लोक हित में संपत्ति का ज्यादा मूल्य प्राप्त करने के लिए नीलामी रद्द करने का अधिकार रखता है. मौजूदा मामले में नीलामी प्रक्रिया में सिर्फ दो लोगों ने भाग लिया था. इसके अलावा भूखंड के मुख्य क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद इसकी उच्चतम बोली नहीं मिली. ऐसे में जेडीए विशेषाधिकार के तहत नीलामी को रद्द कर सकता है.
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अधिकरण ने यह आदेश संदीप कुमार की अपील को खारिज करते हुए दिए. अधिकरण ने कहा कि याचिकाकर्ता एक माह में जेडीए के विशेषाधिकारी को अपना बैंक का विवरण दे और जेडीए तय राशि छह फीसदी ब्याज सहित लौटा दे.
क्या है पूरा मामला
दरअसल अपील में अपीलार्थी ने जेडीए के 26 सितंबर 2018 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उच्चतम बोलीदाता होने पर भी उसके पक्ष में की नीलामी रद्द कर दी गई थी. जवाब में जेडीए की ओर से कहा गया कि नीलामी रद्द करने के आदेश को दो साल बाद अधिकरण में चुनौती दी गई है. इससे पहले उसने जेडीए की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां याचिका खारिज होने की संभावना पर उसे वापस ले लिया था. ऐसा करना विधिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. जेडीए को किसी भी नीलामी प्रक्रिया में उच्चतम बोली को मंजूर या अस्वीकार करने का विशेषाधिकार है.
नीलामी रद्द करने का उचित कारण नहीं दिया
इस नीलामी में भी जेडीए को आरक्षित दर से 200 रुपये ही ज्यादा राशि मिल रही थी और यह बोली मिश्रित उपयोग के लिए प्राप्त हुई थी. ऐसे में लोक हित में जेडीए इस भूखंड की व्यावसायिक उपयोग के लिए नीलामी करेगा. इसलिए जेडीए की नीलामी रद्द करने की कार्रवाई सही है. वहीं प्रार्थी का कहना था कि भूखंड का आरक्षित मूल्य 52500 रुपये प्रति वर्ग मीटर था. उसने इससे ज्यादा 52,700 रुपए की बोली लगाई थी. जेडीए ने नीलामी रद्द करने का उचित कारण नहीं दिया है. इसलिए जेडीए का नीलामी रद्द करने वाला आदेश निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने याचिका को खारिज कर दिया.
Reporter- Mahesh Pareek
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