Rajasthan Politics : राजस्थान में चुनावी साल शुरू हो चुका है और ऐसे में राजनीतिक दलों की गतिविधियां भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी हैं. गणतंत्र दिवस यानी कल से कांग्रेस पार्टी अब हाथ से हाथ जोड़ अभियान शुरू कर रही है, तो इस बीच बीजेपी ने भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सुझाव पर काम करते हुए घर-घर अभियान चलाने की कवायद पर मंथन करना शुरू कर दिया है. दोनों दलों के अभियान का प्रमुख उद्देश्य जनता से सीधा संवाद और उन्हें पार्टी से जोड़ना दिख रहा है. ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा इस बात की हो सकती है कि किसका अभियान ज्यादा प्रभावी और वोट पर मजबूत पकड़ किसकी होगी?


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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब पार्टी का अगला अभियान गणतंत्र दिवस से शुरू हो रहा है. कल से पूरे देश में एक साथ कांग्रेस पार्टी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू करेगी और राजस्थान में भी इसके लिए पार्टी ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा खुद अभियान की जानकारी देने के लिए जयपुर आई. कांग्रेस का कहना है कि इस अभियान के जरिए पार्टी प्रदेश में घर-घर जाएगी. हर घर तक पार्टी के नेता राहुल गांधी का संदेश एक पत्र के जरिए पहुंचाएगी, तो राजस्थान की सरकार के कामकाज और उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा. इस अभियान के तहत कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ना चाहती है तो बीजेपी पर भी चोट करने की कोशिश कर रही है. अपने अभियान के दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता केंद्र सरकार की खामियां भी लोगों को बताएंगे.


इधर कांग्रेस अपना अभियान शुरू कर रही है और दूसरी तरफ बीजेपी अपने अगले अभियान की तैयारी में जुट गई है. पिछले दिनों प्रदेश में 200 विधानसभा क्षेत्रों में जन आक्रोश रैली निकालने वाली बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 23 जनवरी को प्रदेश कार्यसमिति में आए तो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बड़ा मंत्र भी दे गए. जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं को सुझाव देते हुए कहा कि यह साल चुनाव का वर्ष है. तकरीबन 10 महीने बचे हैं. ऐसे में पार्टी को एक व्यवस्थित कार्य योजना के साथ 'हाउस टू हाउस अभियान' चलाना चाहिए. नड्डा ने अपनी बात में कहा कि इस अभियान में पार्टी स्थानीय समस्याओं को जाने और उनके समाधान का प्रयास भी करे. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जिलों, मंडलों और बूथों पर जनता के सुख-दुख में पार्टी कार्यकर्ता को मजबूती से खड़े रहना चाहिए. लोगों का दिल जीतने का काम करने की नसीहत भी जे पी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दी.


पहले भारत जोड़ो यात्रा और जनाक्रोश रैली रैलियों की प्रतिस्पर्धा कांग्रेस और बीजेपी में देखने को मिली, तो अब हाथ से हाथ जोड़ो अभियान और घर-घर संपर्क अभियान के रूप में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता जनता तक पहुंचने की कोशिश करते दिखेंगे. लेकिन चुनावी साल में जनता के मन में भी यह सवाल तो उठता ही होगा कि क्या ऐसे कार्यक्रम पार्टियां सिर्फ वोट हासिल करने के लिए ही करती हैं? सवाल यह भी कि, क्या राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता इतने समर्पित हो सकते हैं? कि वह पूरे 5 साल इस तरह का सतत संपर्क अपने वोटर से रख सके?


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