दिल्ली/ जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन किया. आज से राजपथ अब कर्तव्य पथ के तौर पर जाना जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानी राजपथ आज से इतिहास की बात हो गया है और हमेशा के लिए मिट गया है. आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है. इससे पहले पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्यपथ को केवल बनाया ही नहीं है, बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है. मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.



यह भी पढ़ें: अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं, अब हर आपात स्थिति में डायल करें 112: मुख्य सचिव


पीएम ने की लोगों से कर्तव्यपथ देखने की अपील


इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के हर एक नागरिक से आह्वान करता हूं कि आप इस नवनिर्मित कर्तव्यपथ को आकर देखिए. इस नवनिर्माण में भविष्य का भारत दिखेगा. यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विजन देगी, एक नया विश्वास देगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत के आदर्श अपने हैं, आयाम अपने हैं. आज भारत के संकल्प अपने हैं, लक्ष्य अपने हैं. हमारे पथ अपने हैं, प्रतीक अपने हैं. 


बता दें कि एक दिन पहले ही नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (NDMC) ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' करने के प्रस्ताव को हर झंडी दे दी थी. 3.20 किलोमीटर लंबाई वाला यह रास्ता राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक वाला कर्तव्य पथ है. 


कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं- पीएम


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है. यह भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. अगर पथ ही राजपथ हो तो यात्रा लोकमुखी कैसे होगी? राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे. राजपथ की भावना भी गुलामी का प्रतीक थी, उसकी संरचना भी गुलामी का प्रतीक थी. आज इसका आर्किटेक्चर भी बदला और इसकी आत्मा भी बदल गई है. 


गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं- पीएम
आज अगर राजपथ का अस्तित्व समाप्त होकर कर्तव्यपथ बना है, आज अगर जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी की मूर्ति लगी है, तो ये गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है. ये न शुरुआत है, न अंत है. आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है. भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है.


यह भी पढ़ें: Vidur Niti: ये 5 बुरी आदतें पल भर में जिंदगी कर देती है बर्बाद, आज से ही करें सुधार 


 


आज भारत के संकल्प और लक्ष्य अपने हैं। हमारे पथ और प्रतीक अपने हैं। इसीलिए राजपथ का अस्तित्व समाप्त हुआ है और कर्तव्य पथ बना है। pic.twitter.com/fJGeJMxeFt


— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2022


नेताजी के पास विजन और मिशन, पूरे विश्व में थी उनकी स्वीकार्यता- पीएम मोदी


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस ऐसे महामानव थे जो पद और संसाधनों की चुनौती से ऊपर थे. उनकी स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था. उनमें साहस था, स्वाभिमान था. उनके पास विचार थे, विजन था. उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता, लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया. उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों को भी नजरअंदाज कर दिया गया.


नए रंग रूप में दिखेगा कर्तव्य पथ


कर्तव्य पथ अब नए रंग रूप में दिखेगा. कर्तव्य पथ के आसपास 15.5 किमी का वॉक-वे बना है. वहीं, बगल में करीब 19 एकड़ में नहर भी है. इस पर 16 पुल बनाए गए हैं.दोनों ओर बैठने की व्यवस्था की गई है. इस पूरे क्षेत्र में करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर हरियाली भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगी. पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास बनाए गए हैं.शुक्रवार से आम लोगों के लिए खोला जाएगा.