Rajasthan Politics: कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा राज्य सरकार से नाराज है या फिर राजी ? इसको लेकर लगातार संशय से बना हुआ है. डॉ किरोड़ी लाल मीणा कल (रविवार, 29 सितंबर) भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में शामिल हुए, लेकिन आज बीजेपी ऑफिस में बोले कि मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या किरोड़ी लाल मीणा संगठन के दबाव में कैबिनेट बैठक में गए थे ?


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भाजपा के वरिष्ठ नेता और कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने करीब 4 महीने पहले भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि जुलाई में इस इस्तीफे का खुलासा हुआ. इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने सरकारी वाहन का त्याग कर दिया. वहीं सचिवालय स्थित दफ्तर जाना भी छोड़ दिया. इसके बाद से किरोड़ी लाल मीणा ने तो किसी कैबिनेट बैठक में आ रहे थे और नहीं सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे थे.



डॉक्टर किरोडी लाल मीणा अपनी इस नाराजगी को सार्वजनिक मंचों में भी जाहिर कर चुके थे. इस बीच रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में अचानक किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे. डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा मुख्यमंत्री कार्यालय अपनी निजी वाहन में पहुंचे थे और कैबिनेट बैठक के बाद सरकारी वाहन से लौटे.  इसके बाद कयासों का दौर शुरू हो गया कि किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी दूर हो गई है?



नैतिकता के आधार पर दिया इस्तीफा मुख्यमंत्री करें स्वीकार 


इधर सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया कर्मियों ने डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा से स्थिति पर की स्थिति को लेकर सवाल पूछा.  सवाल के जवाब में डॉक्टर मीणा ने कहा कि कहा-''मैंने नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दिया है. मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, मैंने मन से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, मैं विभाग की कोई फाइल नहीं देख रहा, आपदा के दौरान नैतिकता के आधार पर काम किया.''  



संगठन का दबाव या फिर कोई और कारण


इधर भाजपा प्रदेश कार्यालय में चर्चा रही कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के कहने पर ही किरोड़ी लाल मीणा कैबिनेट बैठक में गए थे. मीणा के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल पर राठौड़ ने कहा,'' कल कैबिनेट बैठक में नहीं गए थे क्या ? अध्यक्ष को क्या करना है, अध्यक्ष को वही काम करना है, सबको एक करना.''


इतना ही नहीं राठौड़ ने कहा, ''अध्यक्ष के कहने से कैबिनेट में गए तो कोई गलत काम थोड़े ही किया. डॉ किरोड़ी लाल मीणा काम कर रहे हैं, जनसेवा को समर्पित है. सब कार्यकर्ता काम कर रहे हैं, मंत्री, मंत्री का काम कर रहा है. कार्यकर्ता संगठन और मंत्रिमंडल के सदस्य सरकारी काम कर रहे हैं, इसके कोई नई बात नहीं है.''



वहीं दूसरी ओर सवाल उठ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं कर रहे हैं? सियासी गलियारों में चर्चा है कि उपचुनाव में डॉक्टर मीणा के प्रभाव को देखते हुए उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा? उपचुनाव की 7 में से चार सीटों पर अनुसूचित जनजाति के वोटर काफी प्रभाव रखते हैं. ऐसे में पार्टी उनको नाराज नहीं करना चाह रही है.



वहीं दूसरी ओर मीणा सरकारी कामकाज नहीं कर अपनी नाराजगी बराबर दिखा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा की नैतिकता सही है या सरकार नैतिकता से बच रही है.