Jaipur: राज्य में कितनी राज्यसभा सीटें खाली हैं, उसमें 1 जोड़ा जाता है, फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है. इससे जो संख्या आती है, उसमें फिर 1 जोड़ दिया जाता है. अभी राजस्थान में 4 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें 1 जोड़ा तो हो गया 5, राजस्थान में विधानसभा सीटों की संख्या 200 है. अब 5 को 200 में भाग दिया तो संख्या आई 40. अब 40 में 1 को जोड़ा तो आया 41 यानी, राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 41 वोटों की जरूरत होगी. 


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राज्यसभा चुनाव में विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करते हैं. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है. राज्यसभा के सदस्यों की एक महीने की सैलरी 1 लाख रुपये होती है. इसके अलावा अगर सदस्य अपने आवास से ही ड्यूटी कर रहे हैं तो हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है. राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है. उसकी उम्र 30 साल से ज्यादा होनी चाहिए. ये जरूरी नहीं है कि वो जिस राज्य से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित हो, वहीं का रहने वाला हो. 


वहीं, हम आपको बता दें कि चार सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने तीन जबकि बीजेपी ने एक प्रत्याशी घोषित कर दिया है. खास बात यह कि बीजेपी ने इस बार स्थानीय प्रत्याशी को उतारा है, जबकि कांग्रेस में तीन चेहरे राजस्थान से बाहर के हैं. हालांकि प्रदेश से बाहर के नेता को राज्य सभा प्रत्याशी बनाया जाना कोई नई बात नहीं है, लेकिन आमतौर पर इसमें केन्द्र और राज्य का तालमेल रखते हुए प्रतिनिधित्व बांटा जाता है. केन्द्र अपनी पसन्द के नाम भेजता है, लेकिन सभी नाम केन्द्र की तरफ़ से ही तय किए गए हों और सभी नाम राजस्थान से बाहर के नेताओं के हों, यह देखकर सत्ताधारी खेमे के कुछ लोग भी हैरान हैं. 


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