Gulab Chand Kataria: राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया को आज असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. आठ बार विधायक रह चुके गुलाबचंद कटारिया का जन्म 3 अक्टूबर 1944 को राजस्थान के उदयपुर जिले में हुआ था. इनकी शिक्षा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर से हुई है. उनकी पत्नी का नाम अनिता कटारिया है, कटारिया के पांच बेटियां हैं.


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 आपको बता दें कि असम के नए राज्यपाल बनें गुलाबचंद कटारिया ने पहले एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थे. यहीं से इन्होंने अपने करियर की शुरूआत की थी. स्कूल में पढ़ाने के दौरान ही कटारिया संघ के संपर्क में आ गए.



फिर संघ में काम करते करते राष्ट्रवाद की विचारधारा से जुड़ गए. उनका चिंतन और रूझान संघ की विचारधारा और भाजपा की ओर बढ़ गया. फिर भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिए थें. सबसे खास बात यह है कि 1975 में इमरजेंसी लगी तो कई दिन अंउरग्राउंड रहकर भी काम किया, इमरजेंसी में जले भी गए. 



गुलाबचंद कटारिया पिछले 40 साल बीजेपी में सक्रिय हैं, कटारिया के राज्यपाल बनते ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग चुका है. शायद बीजेपी की सेवा करने का यह तोहफा पार्टी ने कटारिया को आज असम का राज्यपाल बनाकर दिया है.साथ ही अब ट्वीटर पर भी गुलाब चंद्र कटारिया का नाम ट्रेंड करने लगा है. राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष हैं गुलाबचंद कटारिया 8 बार के विधायक रह चुके हैं.


कटारिया लोकसभा में भी उदयपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. राजस्थान में गृहमंत्री, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाल चुके हैं. बेहद सरल स्वभाव वाले जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं गुलाबचंद कटारिया.


अब कौन होगा नेता प्रतिपक्ष
गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनते ही राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो गया है.अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि कौन बनेगा अब राजस्थान का नेताप्रतिपक्ष. जानकारों की मानें तो नेता प्रतिपक्ष की रेस में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं के नाम शामिल हैं. हालांकि अभी इस मामले को लेकर बीजेपी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.


यहां था कटारिया का मजबूत प्रभाव
आपको बता दें कि गुलाबचंद कटारिया की दक्षिणी राजस्थान में काफी मजबूत पकड़ है. कटारिया का यहां बड़ा प्रभाव है. गृह जिला उदयपुर के साथ-साथ कटारिया बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद जैसे जिलों में भी अपना प्रभाव रखते हैं. यहां की लगभग 25 सीटों को गुलाबचंद कटारिया सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं. 2018 में मात खाने के बाद भी कटारिया की प्रभाव वाली 28 सीटों में से कटारिया ने 15 सीटों पर जीत दिलानें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.