Lawrence Bishnoi: पुलिसवाले का बेटा कैसे बना जुर्म की दुनिया का सरताज, एक घटना ने बदल दी जिंदगी
Lawrence Bishnoi: लॉरेंस यूं तो पहले से ही कई जुर्म के आरोप में जेल में सजा काट रहा है, लेकिन क्या आपको पता है इस हत्या का मास्टर माइंड लॉरेंस बिश्नोई कैसे जुर्म की दुनिया का सरताज बन गया.
Lawrence Bishnoi: महज 28 साल की उम्र में दुनियाभर में मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाडे़ गोली मारकर हत्या कर दी गई. 29 मई को घटी इस घटना ने पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया, शायद ही किसी ने सोचा होगा कि 30 राउंड की फायरिंग कर इस तरह से मूसेवाला की निर्मम हत्या कर दी जाएगी.
31 मई को सिंगर का अंतिम संस्कार हुआ. वहीं मर्डर की रात ही सोशल मीडिया पर सनसनीखेज खुलासा करते हुए फेसबुक आईडी लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक पोस्ट किया गया, जिसमें मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई और गोल्डी बरार ने ली. इस पोस्ट के बाद एक बार फिर से लॉरेंस बिश्नोई का नाम जुर्म की दुनिया में गुंज रहा है. वहीं पंजाबी पुलिस तेजी से आरोपियों की तलाश कर रही है.
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लॉरेंस यूं तो पहले से ही कई जुर्म के आरोप में जेल में सजा काट रहा है, लेकिन क्या आपको पता है इस हत्या का मास्टर माइंड लॉरेंस बिश्नोई कैसे जुर्म की दुनिया का सरताज बन गया.
पंजाब में जन्मा बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 22 फरवरी, 1992 में पंजाब के फजिल्लका में हुआ. उनके नाम के पीछे भी एक कहानी है, कहा जाता है कि जब लॉरेंस जन्मा था तब वह बहुत गोरा था. इसी वजह से उनका नाम लॉरेंस रखा गया. लॉरेंस एक क्रिश्चिन शब्द है जिसका मतलब होता है सफेद चमकने वाला.
पुलिसवाले थे पिता
लॉरेंस के पिता पेशे से पुलिसवाले थे और मां भी पढ़ी लिखी हाउस वाइफ था. इनका जन्म एक सुखी संपन्न परिवार में हुआ. करोड़पति घर के बेटे ने बचपन से ही सारे शौक पूरे किए, महंगा कपड़ा, लग्जरी जीवन लॉरेंस को बहुत भाता था.
खेल में लॉरेंस की रूचि
लॉरेंस को बचपन से ही खेल में बहुत रूचि थी. वह कबड्डी और अन्य खेलों में काफी दिलचस्पी रखता था. घरवालों को लगता था कि बेटा बड़ा होकर खिलाड़ी बनेगा और देश व परिवार का नाम रोशन करेगा. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि लॉरेंस नाम तो कमाएगा लेकिन जुर्म की दुनिया में.
छात्र से ऐसे बना गुनहगार
लॉरेंस की पूरी जिंदगी तब बदल गई, जब आगे की पढ़ाई के लिए वह चंडीगढ़ गए. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनके दोस्तों ने छात्र नेता का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया और दोस्तों की बात सुनकर लॉरेंस चुनाव में उतर गए. लॉरेंस हमेशा कोई भी काम पूरी प्लानिंग से करता था, चुनाव के लिए भी एक प्लान तैयार किया और इसका नाम स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी यानी सोपू (SOPU) रखा. ये संगठन आज भी है, भले इसे बनाने वाला जेल में है.
चुनाव हार गए लॉरेंस
तमाम तैयारियों के बाद भी इस चुनाव में लॉरेंस हार गए और इसे उदय गुट ने जीत लिया. गुस्से में आकर लॉरेंस ने रिवॉल्वर खरीद ली. एक दिन किसी बात को लेकर दोनों गुट आमने सामने आ गए. भिड़त के दौरान लॉरेंस ने बंदूक निकाल ली और फायरिंग कर डाली. साल 2011 में पहली बार ऐसा था तब लॉरेंस पर पहला केस दर्ज हुआ. इस बात को लॉरेंस ने दिल से लगा लिया और इस तरह से जुर्म की दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई की एंट्री हुई.