Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने बार कौंसिल से निलंबित अधिवक्ता गोवर्धन सिंह के खिलाफ दर्ज केसों की जांच सीबीआई से कराने को लेकर दायर याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया है. जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने यह आदेश गोवर्धन सिंह की याचिका पर दिए. 


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अदालत ने याचिका पर पक्षकारों की बहस सुनकर फैसला बाद में देना तय किया था. इसी दौरान एएजी घनश्याम सिंह राठौड़ ने अदालत में प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि गोवर्धन सिंह ने तथ्यों को छिपाया है. उसकी सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लंबित है, लेकिन इसका हवाला हाईकोर्ट में दायर की गई
आपराधिक याचिका में नहीं दिया है. 


ऐसे में तथ्यों को छिपाया जाना गंभीर है. राज्य सरकार द्वारा यह जानकारी देने पर अदालत ने नाराजगी जताई. वहीं गोवर्धन सिंह के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और उनसे गलती हुई है इसलिए वे याचिका वापस लेना चाहते हैं. इस पर अदालत ने याचिका वापस लिए जाने के आधार पर गोवर्धन सिंह की याचिका खारिज कर दी.


दरअसल गोवर्धन सिंह ने याचिका में कहा था कि उसे 27 अप्रैल को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दी जा चुकी थी, उन्हें भी पुलिस ने रिओपन कर उसकी गिरफ्तारी की है. उसे करीब दो माह से पुलिस अभिरक्षा में रख जा चुका है और उसके बैंक खातों आदि को भी सीज कर दिया है. 


राज्य सरकार की कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है इसलिए जांच सीबीआई से करवाई जाए. जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि आरोपी लोगों को ब्लैकमेल करता था. उसके खिलाफ जयपुर और बीकानेर में पिछले दो दशक से कई मामले दर्ज हुए हैं. जांच सीबीआई को सौंपने का कोई आधार नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाए. 


Reporter- Mahesh Pareek


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