Jaipur: रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच कर रही एसओजी की तारीफ करने वाले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एक दिन बाद अपने बयान से यू टर्न ले लिया. अब कटारिया भी इस मामले में सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.


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कटारिया ने बयान जारी कर कहा कि इस प्रकरण में जिन लोगों के नाम सामने आए रहे हैं, वो राजीव गांधी स्टडी सर्किल के कोऑर्डिनेटर के पद पर भी तैनात हैं, लिहाजा अब रीट पेपरलीक कांड की जांच पुलिस के बजाय सीबीआई से ही करवाना बेहतर होगा. गौरतलब है कि कटारिया ने शनिवार को मामले में कार्रवाई के लिए एसओजी की तारीफ की थी. अब रविवार को गुलाबचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा कि रीट परीक्षा में 16 लाख बच्चों ने आवेदन किया, इनमें 14 लाख बच्चे शामिल हुए. कटारिया ने कहा कि इस परीक्षा में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पेपर सुरक्षा की जिम्मेदारियां दी गई, जयपुर में शिक्षा संकुल व्यवस्था के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली ने सरकार की मिलीभगत से उन लोगों को जिम्मेदारियां दीं, जो राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हैं.


सरकार ने निजी व्यक्तियों को दी जिम्मेदारी
कटारिया ने आरोप लगाया कि शिक्षा संकुल की जिम्मेदारी जिन लोगों को दी सारे लोग राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हुए हैं. राजीव गांधी स्टडी सर्किल के ऑल इंडिया चैयरमेन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, वहीं सुभाष गर्ग राष्ट्रीय संयोजक हैं. सुभाष गर्ग ने 19 फरवरी को समन्वयकों की सूची जारी की थी उसमें प्रदीप पाराशर सहित तीन लोगों के नाम हैं. इनमें रामचंद गोठवाल और सुभाष यादव हैं. वहीं, चौथा प्राइवेट व्यक्ति निजी कॉलेज संचालक रामकृपाल मीणा है. पेपर चोरी हुई है और बेचने का षड्यंत्र में शामिल लोगों का सीएम ने कॉर्डिनेटर नियुक्ति किया था.


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जारोली के आरोपों की पुष्टी
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा करें जयपुर में प्राइवेट लोग सुरक्षा करते हैं. जारोली ने राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगाए वो स्पष्ट हो रहे हैं. राज्य के मुखिया के द्वारा तय लोग ही स्कैंडल कर रहे हैं.


तुरंत सीबीआई जांच करवाएं
कटारिया ने कहा कि इस मामले में जिन व्यक्तियों की नियुक्ति इस संस्थान में मुख्यमंत्री ने की थी, उन्हें ही रीट परीक्षा अनियमितता में दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में अब इस प्रकरण की जांच राजस्थान पुलिस के बस की नहीं है. इसीलिए इसकी जांच सीबीआई को देना चाहिए ताकि जो छींटा मुख्यमंत्री के ऊपर लग रहा है. उसे साफ किया जा सके.