Vaibhav Gehlot : वैभव गहलोत राजस्थान के तीन बार सीएम रहे अशोक गहलोत के बेटे हैं, जानकारी के अनुसार, वैभव गहलोत लॉ ग्रेजुएट हैं. वह लगभग दो दशक से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं. वैभव गहलोत दो बार राजस्थान क्रिकेट संघ (Rajasthan Cricket Association) यानी RCA के अध्यक्ष रहे. लेकिन प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद, समीकरण बदले, और उन्होंने आरसीए से इस्तीफा दे दिया. वैभव ने साल 2019 में जोधपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन वो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से चुनाव हार गए थे.  


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क्यों खास है जालौर-सिरोही लोकसभा सीट?


राजस्थान की जालौर-सिरोही लोकसभा सीट बेहद अहम हो चुकी है. इस सीट पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) चुनाव लड़ रहे हैं. वैभव के लिए जालौर सीट पर जीत जितनी जरूरी है, कई बार राजस्थान के सीएम रह चुके अशोक गहलोत के लिए वैभव का जीतना भी उतना ही अहम है.



ऐसा इसलिए क्योंकि वैभव गहलोत पिछली बार लोकसभा चुनाव हार गए थे. उन्हें बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर लोकसभा सीट पर 274440 वोटों जैसे बड़े अंतर से हराया था. ऐसा तब हुआ था जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, और अशोक गहलोत खुद सीएम थे. कांग्रेस ने वैभव गहलोत को दूसरी बार टिकट दिया है. इस सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हो चुके हैं.


जालौर सीट का इतिहास



जालौर सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे. और पहली बार में ही निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह को जीत मिली थी. कांग्रेस इस सीट पर आठ बार जीत चुकी है. लेकिन 2004 के बाद से ये सीट बीजेपी के कब्जे में है. सुशीला बांगरू 2004 में जीती, इसके बाद से बीजेपी के देवजी पटेल लगातार यहाँ से सांसद बनते आ रहे हैं. वहीं, साल 2019 में मोदी लहर के बीच जालौर लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में गई थी. कांग्रेस ने यहां से रतन देवासी को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें बीजेपी के देवाजी पटेल ने बड़ी हार दी थी. इस बार बीजेपी ने देवजी पटेल को टिकट नहीं दिया है. बीजेपी ने जालोर सीट से लुंबाराम चौधरी को मैदान में उतारा है.