Jaipur news: काशी की देव दिवाली की चर्चा पूरे विश्व में कि जाती है. काशी की देव दिवाली काशी की सास्कृतिक विरासत की पहचान है. वैसे ही राजस्थान की राजधानी जयपुर छोटी काशी नाम से प्रसिध्द है. छोटा काशी की उपाधि यहां मौजूद भोलेनाथ के मंदिरों की वजह से मिली.  छोटी काशी जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थिति है, जो जयपुर की स्थापना से पहले का ऐतिहासिक स्वयंभू बाबा ताड़केश्वर नाथ मंदिर तांत्रिक विधि से वास्तुकला पर आधारित है.


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150 बजार में अलग-अलग थीम 
इस बार छोटी के बजारों में श्री कृष्ण की लीलाएं, कंधे पर राम- लक्ष्मण को बैठएं हनुमान और साथ भगमवान शिव की झांकियां सजाई गई है. साथ-साथ पूरे 150 बजार में अलग-अलग थीम की झांकियां सजाई गई है. साथ ही भारत की शान चंद्रयान 3 भी देखने को मिला, और तो और बुर्ज खलीफा भी देखने को मिला है. 
यहां 25 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए भी सेल्फी प्वाइंट,पोस्टर-बैनर और सारे माध्यम के जरिए जागरुकता का काम हो रहा है. 


समुंद्र मंथन की झांकी
छोटा चौपड़ पर देवताओं औत राक्षसो की ओर से किए गए समुंद्र मंथन की झांकी लोगों का ध्यान घिच रहा है. इसके साथ ही पूरे चांदपोल में करीब 15 देवी-देवताओं की झाकियां सजाई गई है. शहर के व्यपारियों ने शहर को आकर्षक थीम पर रोशन किया है. जिसे देखने के लिए शहर वासि भी बाजार में निकल रहें है.  इस बार की दिवाली मौके को देखने के लिए सभी काफी उत्साहित हैं.


रोशनी से नहाई पिंक सिटी
जयपुर की सुंदर चारदीवारी  पूरी दुनिया में विशेष पहचान है.रोशनी से नहाई पिंक सिटी की दीवारें इनकी  सुंदरता में चार चांद लगा रही हैं. लोग दूर-दूर से छोटी काशी को निहारने के लिए आते है. दीपावली जैसे खास त्यौहार पर  जयपुर की ऐतिहासिक मिर्जा इस्माइल रोड परपैदल घूमने का अलग ही मजा है.


लोग दिवाली की रौनक देखने के लिए छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर आते हैं. लोग इन झांकियों के साथ सेल्फी लेते नजर आ रहें है.  व्यपारियों ने कमिश्नर से रात एक बजे तक रोशनी चालू रखने की अनुमति ली है. पर्यटक भी इसका लुप्त उठा रहें है.


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