Lunar Eclipse 2022: ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरूषोतम गौड़ के अनुसार, हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है. वैशाख मास की आखिरी तिथि को वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र और सहपाठी सुदामा जब द्वारका में श्रीकृष्ण से मिलने आए तो भगवान ने उन्हें इस व्रत का महत्व बताया. इस व्रत के प्रभाव से ही सुदामा की दरिद्रता का नाश हो गया. मान्यता है कि इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, महात्मा बुध भगवान विष्णु के नौवें अवतार थे. इस दिन शादी विवाह, ग्रह प्रवेश, नीव मुहूर्त, वाहन खरीदने और अनेक शुभ मंगल कार्यों के अबूझ मुहूर्त है. 


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कब है वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा?
ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरूषोतम गौड़ के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा 16 मई 2022, सोमवार को है. ध्यान रहे कि बिना चंद्र ग्रहण के पूर्णिमा का व्रत पूरा नहीं माना जाता है. इस दिन चंद्र दर्शन करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.


वैशाख पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त-
वैशाख पूर्णिमा 15 मई को रात 12 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 16 मई को रात 09 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी.


वैशाख पूर्णिमा का महत्व-
ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरूषोतम गौड़ के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा को सभी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने व दान करने से कष्टों से मुक्ति मिलने की मान्यता है. बौद्ध धर्म में भी इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन महात्मा बुद्ध की पूजा की जाती है.


बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण-
ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरूषोतम गौड़ के अनुसार, साल का पहला चंद्रग्रहण बुद्ध या वैशाख पूर्णिमा के दिन 16 मई को लगेगा. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार इस चंद्र ग्रहण की अवधि 16 मई की सुबह 08 बजकर 59 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट रहेगा. यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.


भारत में सूतक काल नहीं-
साल 2022 का पहला चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य नहीं होगा.


कहां दिखेगा साल का पहला चंद्रग्रहण-
साल 2022 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर में दिखाई देगा.