पिता की मौत के बाद बड़ी बहनों ने किया सबसे छोटी का सपना पूरा, दूल्हों की तरह सेहरा सजाकर निकाली बिंदौरी
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पिता की मौत के बाद बड़ी बहनों ने किया सबसे छोटी का सपना पूरा, दूल्हों की तरह सेहरा सजाकर निकाली बिंदौरी

झुंझुनूं की बेटियों ने खुद को साबित करने के लिए हमेशा एक कदम आगे बढ़ाया है. इस बार समाज को संदेश देने वाली तस्वीर आई है झुंझुनूं के चिड़ावा से, जहां पर तीन बहनों ने पिता के निधन के बाद अपनी सबसे छोटी बहन की शादी ना केवल धूमधाम से की है, बल्कि उसकी हर एक इच्छा को पिता की तरह पूरा कर रही है.

सज्जन केडिया ने अपनी बेटियों को बेटों की तरह पढ़ाया लिखाया और प्यार किया.

Pilani: झुंझुनूं की बेटियों ने खुद को साबित करने के लिए हमेशा एक कदम आगे बढ़ाया है. इस बार समाज को संदेश देने वाली तस्वीर आई है झुंझुनूं के चिड़ावा से, जहां पर तीन बहनों ने पिता के निधन के बाद अपनी सबसे छोटी बहन की शादी ना केवल धूमधाम से की है, बल्कि उसकी हर एक इच्छा को पिता की तरह पूरा कर रही है. झुंझुनूं के चिड़ावा निवासी सज्जन केडिया का अक्टूबर 2020 में कोरोना के चलते निधन हो गया था. उनके चार बेटियां है. बेटा नहीं है. 

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सज्जन केडिया ने अपनी बेटियों को बेटों की तरह पढ़ाया लिखाया और प्यार किया. जब उनके परिवार की पगड़ी रस्म की बारी आई तो उनकी सबसे छोटी बेटी दीपशिखा केडिया आगे आई और उन्होंने बेटों की तरह पिता की पगड़ी को खुद संभाला और समाज में नई मिसाल पेश कही. अब डेढ़ साल बाद दीपशिखा की शादी हो रही है तो उसका लाड़—चाव भी उसकी तीन बहनें डॉ. सुषमा केडिया, कल्पना केडिया तथा मीना केडिया पिता की तरह कर रही है. 

बीती रात को दीपशिखा केडिया की बिंदौरी निकाली गई. दुल्हन दीपशिखा केडिया ने दूल्हों की तरह सिर पर सेहरा सजाया और घोड़ी से बैंड—बाजे के साथ चिड़ावा के नगर देव कल्याणराय प्रभु के मंदिर पहुंची. जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना की. इसके बाद वापिस घोड़ी से घर पहुंची. इस दौरान परिवार की महिलाओं और पुरुषों ने जमकर डांस भी किया और खुशी मनाई. इसके अलावा घोड़ी पर चढ़ी दीपशिखा केडिया भी काफी खुश दिखी.

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पगड़ी रस्म के बाद आई थी सुर्खियों में
आपको बता दें कि पहली बार दीपशिखा केडिया उस वक्त सुर्खियों में आई थी. जब उन्होंने भाई ना होने की कसक परिवार को महसूस नहीं होने दी और पिता के निधन पर खुद आगे बढ़कर बेटी होते हुए भी बेटों की तरह पगड़ी रस्म में शामिल हुई और पिता की पगड़ी को संभाली. उस वक्त समाज में यह नया संदेश था और सभी ने इसकी प्रशंसा की.

शेखावाटी का ट्रेंड बन चुका है बिंदौरी
दुल्हन की बिंदौरी अब शेखावाटी का ट्रेंड बन चुका है. ना केवल कस्बों में, बल्कि छोटी गांव ढाणियों में भी अब हर दुल्हन को पहले घोड़ी पर बैठकर बिंदौरी​ निकाली जाती है और बेटा—बेटी एक समान का संदेश दिया जाता है.

Report: Sandeep Kedia

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