Maha Shivratri in Pakistan: भगवान शिव की नगरी काशी समेत पूरे देश इस महाशिवरात्रि 2023 को लेकर उत्साह का माहौल है. वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी इस महाशिवरात्रि पर बम बम भोले की गूंज से गुलजार होगा. देश भर में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों पर महाशिवरात्रि पर्व के 2 दिन पहले श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. वहीं पाकिस्तान के कई शिव मंदिरों में इस महाशिवरात्रि पर भाड़ी भीड़ देखने को मिलेगा. महाशिवरात्रि 2023 के मौके पर भारत से लगभग 60 सदस्यीय हिंदू जत्था आज अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान में श्री कटास राज मंदिर में महाशिवरात्रि मनाने के लिए 6 दिवसीय तीर्थ यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे.


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महाशिवरात्रि पर भारत से श्रद्दालुओं का जत्था पाकिस्तान पहुंचे


बता दें कि लाहौर स्थित कटासराज मंदिर हिंदुओं का बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है. यहां महाशिवरात्रि पर हर साल श्रद्धालुओं का जत्था भारत से पहुंचते है. साथ ही पाकिस्तानी हिंदू भी और शिवभक्त यहां पहुंचकर इनकी पूजा- अर्चना करते है. पाकिस्तान में इनके अलावा और भी भगवान भलोनाथ का मंदिर है जहां शिवभक्त महाशिवरात्रि पर इनके दर्शन करेंगे.


कटासराज शिव मंदिर
इस साल महाशिवरात्रि के मौके पर पाकिस्तान के कटासराज शिव मंदिर में जय-जय शिवशंकर की गूंज से भक्तिभय हो जाएगा. महाशिवरात्रि पर पाकिस्तानी हिंदू और भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था भी इस मंदिर में भगवान शिव का पूजा- अर्चना करेंगे. पाकिस्तान में लाहौर के पास स्थित यह मंदिर की काफी सिद्ध मंदिर है. पौराणिक कथाओं में वर्णित और मानयताओं के अनुसार, जब माता सती हुई थीं तब भगवान शिव के नयन से दो आंसू टपके थे. आंसू के ये एक बूंद कटास (पाकिस्तान) में टपका जो सरोवर अमृत कुण्ड के नाम से जाना जाता है और दूसरा पुष्कर में टपका था जो कि राजस्थान में है. जो आज पुष्करराज तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है. अब कटास मंदिर में मौजूद सरोवर सूख गया है. यहां मौजूद शिव मंदिर  900 साल पुराना है.


उमरकोट शिव मंदिर
उमरकोट शिव मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित यह मंदिर करीब 1000 साल पुराना शिव मंदिर है. इस मंदिर के दरबाजे बंद कर दिए गये थे जो कि 72 साल बाद इस मंदिर के दरबाजे  शिवभक्तों के लिए खोला गया. इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में हुआ था, जिस दौरान भारत में खजुराहो का प्रसिद्ध मंदिर बना था. इसकी गिनती विश्व के प्रसिद्ध मंदिरों में होती है. पाकिस्तान स्थित तेजा सिंह मंदिर का स्थापत्य और इस मंदिर की नक्काशी में भारतीय स्थापत्य की झलक देखने को मिलती है. हिंदुस्तान-पाक विभाजन के बाद पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने इस उमरकोट शिव मंदिर को विस्फोट कर काफी क्षति पहुंचाया था.


रत्नेश्वर महादेव शिव मंदिर करांची
पाकिस्तान के कराची शहर में मौजूद शिवमंदिर में इस महाशिवरात्रि पर बम-बम भोले की गूंज सुनाई देगी. यह मंदिर लभगभग 150 साल पुराना है. रत्नेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध यह भगवान शिव का विशाल मंदिर है. इस मंदिर में प्रत्येक रविवार को विशाल भंडारा होता है. पाकिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा भी इस मंदिर को काफी नुकसान पहुंचाया गया था. साल 2014 में पाकिस्तानी हिंदुओं ने इस मंदिर को बचाने के लिए मुहिम छेड़ी थी. इस महाशिवरात्रि पर यहां भक्तों का सुबह से ही तांता लगेगा. यहां सुरक्षा को लेकर काफी व्यवस्था की गई है.  महाशिवरात्रि पर भक्त रत्नेश्वर महादेव में का आशीर्वाद लेंगे. 


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महाशिवरात्रि के मौके पर पाकिस्तान के इस मंदिर में भक्तों की भाड़ी भीड़ उमड़ेगी. पाकिस्तान के चित्ती गट्टी इलाके में शिव मंदिर का नजारा देखते ही बनता है. गर्भगृह में स्थित शिवलिंग करीब 2000 साल पुराना है. कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन भगवान भोलेनाथ से मांगा है, भगवान शंकर उनकी मुराद जरुर पूरी करते है. महाशिवरात्रि के त्योहार को यहां धूमधाम से मनाया जाता है. यहां हर रोज पूजा नहीं होती लेकिन शिवरात्रि पर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में शिवलिंग के अलावा भगवान गणेश, शिव-पार्वती और काली आदि देवी-देवताओं की मूर्ति  है. इस मंदिर में देवी दुर्गा का एक गुफा भी है. इसदिन भक्त  इस गुफा में प्रवेश कर देवी दुर्गा का दर्शन करते है.