Jaipur: उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारतीय सेना के सह-पायलट और जयपुर निवासी मेजर संकल्प यादव की मौत हो गई.  दुर्घटना में हेलीकॉप्टर का दूसरा पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया है और श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.


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सीएम अशोक ने ट्वीट कर जयपुर निवासी मेजर संकल्प यादव की मौत पर संवेदना जताई. उन्होंने कहा कि जयपुर की शहादत को सलाम है. राजस्थान के वीर मेजर संकल्प यादव, जिन्होंने उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर में ड्यूटी की लाइन में सर्वोच्च बलिदान दिया, जब सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. 



उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. हम उनके दुख को साझा करते हैं और इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं और घायल हुए हेलीकॉप्टर के पायलट के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते है. 


भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर आज (शुक्रवार) उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज के बरौब इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हेलिकॉप्टर गुरेज सेक्टर में एक अग्रिम चौकी से एक बीमार सैनिक को निकालने के लिए नियमित मिशन पर था.


सेना प्रवक्ता के मुताबिक, हेलीकॉप्टर का गुजरान, बरौब की अग्रिम चौकी से संपर्क टूट गया. भारतीय सेना द्वारा तुरंत खोज और बचाव हेलीकॉप्टरों के साथ पैदल एक तलाशी अभियान शुरू किया गया. दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का मलबा उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा के बर्फ से ढके गुजरान नाला इलाके में मिला. भारतीय सेना के रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि पायलट और हेलीकॉप्टर के सह-पायलट दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत सेना के 92 बेस अस्पताल, श्रीनगर लाया गया.


सेना प्रवक्ता ने मृत पायलट के बारे में जानकारी देते कहा 29 वर्षीय मेजर संकल्प यादव, सह-पायलट ने 92 बेस अस्पताल में दम तोड़ दिया. मेजर संकल्प यादव को 2015 में कमीशन किया गया था और वह जयपुर, राजस्थान के निवासी थे. उनके घर केवल उनके पिता है.


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वहीं, घायल पायलट की हालत गंभीर है और फिलहाल वह 92 बेस अस्पताल के आईसीयू में हैं. हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने की कारणों का पता लगाया जा रहा है. भारतीय सेना के रक्षा प्रवक्ता ने कहा, भारतीय सेना ने घटना की जांच शुरू कर दी है.


गौरतलब हैं की बारी बर्फबारी के कारण गुरेज बंडीपोरा रास्ता यातायात के लिए बांध हैं. केवल चोपर सेवा से ही गुरेज़ जा सकते हैंज इसलिए घायल जवान को लाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई थी.