पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं पर गिर सकती है गाज
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पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं पर गिर सकती है गाज

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि तीन राज्यों खासकर पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के हाथों में थी. 

पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद इन नेताओं पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

Jaipur: पंजाब में जहां कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा तो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. ऐसे में अब इन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं की चुनाव रणनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं.

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि तीन राज्यों खासकर पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के हाथों में थी. पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद इन नेताओं पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

सबसे निराशाजनक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश पा रहा है, जहां पार्टी महज 3 सीटों पर ही सिमट गई है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के जिन नेताओं को तीन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी अब उनकी कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. हालांकि, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने हार की जिम्मेदारी ली है. 

पांच राज्यों में हुए चुनाव परिणाम में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जल्द ही पार्टी अध्यक्ष सोने गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाएंगी, जिसमें पार्टी की हार और प्रदर्शन को लेकर मंथन होगा. बताया जा रहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तीन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं पर भी गाज गिर सकती है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस के तीन नेताओं के पास बड़ी जिम्मेदारी थी. लेकिन इन नेताओं की रणनीति भी पार्टी को दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंचा सकी. अलवर के पूर्व सांसद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन थे तो पूर्व विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर और जुबेर खान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी हैं. ऐसे में इन नेताओं पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है. 

पार्टी आलाकमान को सबसे ज्यादा पंजाब में पार्टी का हार है. पंजाब में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और हरीश चौधरी की रणनीति पूरी तरह से फेल हुई है और पार्टी को यहां सत्ता से हाथ धोना पड़ा. हरीश चौधरी जहां पंजाब के प्रभारी हैं तो अजय माकन स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन थे. माना जा रहा है कि इन नेताओं फिर भी रिपोर्ट लेने के बाद गाज गिर सकती है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां पूरे चुनाव प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे थे. वहीं, सचिन पायलट लगातार इन तीन राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे थे, लेकिन बावजूद इसके, पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान कांग्रेस के 9 विधायकों सहित कई नेताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी. राजस्थान कांग्रेस के विधायक भी उत्तराखंड में पार्टी को जीत नहीं दिला पाए. जिन नेताओं को उत्तराखंड में जिम्मेदारी मिली थी उनमें विधायक प्रशांत बैरवा, दानिश अबरार, इंद्राज गुर्जर, कृष्णा पूनिया, वेद प्रकाश सोलंकी, इंदिरा मीणा, चेतन डूडी, रफीक खान और पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल शामिल हैं.

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इसके अलावा उत्तराखंड के सह प्रभारी कुलदीप इंदौरा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश प्रकाश भी पार्टी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे. कुलदीप इंदौरा पार्टी के राष्ट्रीय सचिव होने के साथ ही, श्रीगंगानगर के जिला प्रमुख हैं तो मोहन प्रकाश धौलपुर से विधायक रह चुके हैं.

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