Makar Sankranti 2024 : मकर सक्रांति का पर्व जिले भर में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. इस दौरान जगह-जगह गाय के लिए चारा डाला जा रहा है. तो गरीब व जरूरतमंदों के लिए दान पुण्य करने वालों की कमी नहीं है. इस दौरान श्रद्धालु विशेष पूजा और दान पुण्य कर धर्म लाभ ले रहे. जिलेभर में जगह-जगह गरीब जरूरतमंद और असहाय लोगों के लिए लंगर लगाकर भोजन कराया है. इसी प्रकार करौली के सदर बाजार में व्यापार मंडल द्वारा लंगर लगाया गया.


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श्रद्धालु विशेष पूजा
 जहां सुबह नाश्ते में बेढ़ई, हलवा, पानी पतासी, आदि का नाश्ता कराया गया. तो दोपहर में बाकायदा पंगत लगाकर हलवा, पूडी, सब्जी पकौड़ी आदि का भोजन कराया गया। मकर संक्रांति के अवसर पर करौली जिला मुख्यालय पर ही एक दर्जन से अधिक स्थानों पर लोगों ने अलग-अलग लंगर लगाकर जरूरतमंद और गरीब लोगों को खाना वितरित किया. 



मकर संक्रांति पर घर घर में विशेष पकवान बनाए जाते हैं. जिनमें बाजरे के आटे, गुड और तिल से बनने वाली गुडचंदिया, दाल के बड़े, तिल के लड्डू, खीर, पूरी, पुआ शामिल आदि. हालांकि जिले में कई स्थानों पर मकर संक्रांति रविवार को भी मनाई गई.त्यौहार के अवसर पर जिले में शांति और सुरक्षा बल के लिए पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं.


मांझे से घायल हुए बेजुबान


मकर संक्रांति पर पतंग बाजी से घायल पक्षियों की जीवन की डोर बचाने के लिए राहत कैंप लगाकर उनकी जान बचाई जाती है. शौर्य सेवा संस्थान द्वारा मकर संक्रांति पर गुर्जर की थड़ी सुलतान नगर सेल्टर पर डॉक्टर्स टीम लगाकर ओटी बनाई गईं हैं. जहां पर पक्षियों का ईलाज किया जा रहा है. इसके अलावा हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य सुभाष चौक पर पक्षी चिकित्सा केंद्र पर पहुंचे और घायल बेजुबानों को मरहम लगाया.जयपुर में सुबह-शाम की पतंगबाजी से बडी संख्या पक्षी घायल हुए.मांझे से घायल पक्षियों को जगह जगह उपचार दिया जा रहा है.


कैंप संयोजक भवानी शंकर माली ने बताया कि संस्थान की ओर से 8 वर्षों से यह कार्य किया जाता है, हर वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पोस्टर का विमोचन करवा कर घायल पक्षी राहत कैंप लगाया जाता गया. संस्थान की ओर से महेश नगर,मानसरोवर किरण पथ, मान्यावास, रीको कांटा तथा सांगानेर में भी कैंप लगाया गया,जहां पर घायल पक्षी का प्राथमिक उपचार कर केंद्र पर लाया जाता है.


अलग-अलग टीमें बनाई


घायल पक्षियों को रेस्क्यू के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई है जो कॉल आने पर वहां से पक्षी को रेस्क्यू कर कैंप तक लाया जाता है. इस कार्य में कुल 32 वॉलिंटियर्स की टीम लगी हुई है संस्थान की सचिव संतोष सैनी कहा कि दो दिवसीय कैंप लगाया गया लेकिन गुर्जर की थड़ी का सेल्टर हमेशा चालू रहेगा यहां पर पक्षियों के अलावा घायल जानवरों का भी इलाज किया जा रहा है.


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