Manohar Lal Khattar On Old Pension Scheme:  दिल्ली में इंस्टीट्यूट में तीन छात्रों की मौत पर केंद्रीय शहर विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पल्ला झाड़ लिया.  खट्टर ने इस मामले में सारा दोष दिल्ली की राज्य सरकार पर मढ़ दिया. ओपीएस को लेकर भी उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


केंद्रीय बजट की खूबियां बताने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहरलाल खट्टर रविवार को एक दिवसीय प्रवास पर जयपुर आए. जयपुर में मीडिया से बात करते हुए खट्टर ने बजट की उपलब्धियां बताईं. इस दौरान दिल्ली के राजेंद्र नगर की घटना पर जिम्मेदारी और कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मनोहरलाल खट्टर ने सारा दोष दिल्ली सरकार पर मढ़ दिया.



खट्टर ने कहा कि अवैध निर्माण का सब्जेक्ट राज्य सरकार का है. बेसमेंट में पानी घुसा तब कोचिंग में 30 स्टूडेंट थे. वहां पानी का फ्लो ज्यादा होने के कारण दो या तीन बच्चों की मौत हो गई. जहां निकलने का रास्ता था वहां से बेसमेंट में नाला टूटा जिससे बहाव ज्यादा हो गया. जहां तक अवैध निर्माण की बात है यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है.  हालांकि फिर उन्होंने कहा कि सबकी जिम्मेदारी फिक्स होती है. दिल्ली में इस मामले को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई है. खट्टर ने फिर कहा कि इस मामले में सीधा सीधा दोष है तो दिल्ली सरकार का है.



ओपीएस को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि ओपीएस का विषय आज का नहीं है. वर्ष 2004 से पहले खासकर कांग्रेस सरकार के समय का है. सरकार सहमति से ओपीएस और एनपीपीस का फैसला हुआ था लेकिन, इस मुद्दे पर आज राजनीति की जा रही है. इस राजनीति में कोई एक दूसरे के खिलाफ बोलेगा तो हम भी पोल खोल देंगे. खट्टर ने कहा कि एनपीएस के ऐसे परिवारों को जो राशि मिल रही है उसकी गणना की जा रही हैं. इसमें मिलने वाली राशि ज्यादा है. पहले ओपीएस में दस प्रतिशत कर्मचारी और दस प्रतिशत केंद्र सरकार का हिस्सा होता था. अब केंद्र सरकार का हिस्सा 14 प्रतिशत कर दिया है. चार प्रतिशत हिस्सेदारी को बढा दिया है, इसमें फंड भी बढ़ा दिया है. इससे कर्मचारियों को ज्यादा राशि मिलेगी.


नीति आयोग बैठक में ममता बनर्जी के आरोप पर बोले खट्टर



पीएम की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में नहीं बोलने देने के पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नहीं बोलने देने के आरोप मनोहरलाल खट्टर ने गलत बताया. खट्टर ने कहा कि मैं इसका प्रत्यक्ष गवाह हूं. प्रत्येक वक्ता को सात मिनट का समय दिया जाता है. यह ऑन रिकॉर्ड की बात है कि 7 मिनट से ज्यादा समय किसी को नहीं दिया. इसके लिए बाकायदा टाइमर सेट किया गया था. लाल बत्ती जलने पर बोलना था, लेकिन ममता बनर्जी समझ ही नहीं पाई. इसके अलावा भी उन्होंने शुरुआत ही इससे की कि इंडिया गठबंधन के सीएम नहीं आए. इसमें आधा समय बोला ही नहीं, आरोप जैसी कोई बात नहीं है.