गहलोत-पायलट के सियासी झगड़े से परेशान हुए मंत्री-विधायक, खाचरियावास ने दी नसीहत
Rajasthan Politics : अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सियासी झगड़े से मंत्री और विधायक परेशान हो गए हैं, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपनी ही पार्टी को नसीहत दे दी.
Rajasthan Politics : राजस्थान कांग्रेस की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी अदावत किसी से छिपी हुई नहीं है. मामला बयानबाजी से लेकर इस्तीफ़ा देने तक पहुंच चुका है लेकिन अब राजस्थान कांग्रेस के नेता मानने लगे हैं कि दोनों कैंप के झगड़े से राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा नुक़सान हो रहा है.
कांग्रेस ऐसी स्थिति में भारतीय जनता जनता पार्टी का मुक़ाबला नहीं कर पाएगी. यही वजह है कि कांग्रेस के नेता इन दोनों ही नेताओं को एकजुट रहने की नसीहत देने लगे हैं. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा है कि इस्तीफ़ा प्रकरण सबके सामने हैं जो बयानबाजी हुई वो भी सब सुन चुके हैं लेकिन अब वक़्त आ गया है जब दोनों नेता कार्यकर्ता आपसी मनमुटाव मतभेद भूलकर एक मंच पर आए ताकि राजस्थान में 2023 में कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी का मुक़ाबला कर सके प्रताप सिंह ने यहां तक कहा कि पिछली बार कांग्रेस सरकार सत्ता में आयी तो उसकी वजह एकजुटता थी लेकिन बिना एकजुट हुए अब भारतीय जनता पार्टी का मुक़ाबला करना आसान नहीं होगा.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में बहुत बेहतरीन योजनाएं लॉन्च की है अच्छे काम किए हैं लेकिन आपसी झगड़े की वजह से इन योजनाओं पर पानी फिर रहा है राहुल गांधी सोनिया गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस पार्टी को एकजुट होना होगा.
गौरतलब है कि 25 सितंबर को राजस्थान के 82 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष CP जोशी को जो इस्तीफे दिए थे उनको लेकर सियासत जारी है. मंत्री प्रताप सिंह ने साफ कर चुके हैं कि अब पार्टी को आगे बढ़ना होगा. एक जुट होकर लड़ना होगा, अन्यथा भाजपा से मुक़ाबला संभव नहीं है. यानी कुल मिलाकर दिल्ली में अगर हवा बदलती है तो उसका असर राजस्थान की सियासत पर भी निश्चित तौर पर पढ़ने वाला है.
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