Jaipur: राजस्थान में ईआरसीपी के मुद्दे और सांप्रदायिक तनाव को लेकर सियासी अदावत के बीच लंबे समय के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक मंच पर होंगे. अवसर होगा मंगलवार को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम का. राजस्थान में गुजरात और एमपी की सीमा से सटे मानगढ़ धाम में आयोजित इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता भी शामिल होने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब एक मंच पर होंगे तब सबकी नजरें उनके संबोधन पर रहेंगी.


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 अशोक गहलोत समय-समय पर राजस्थान में ईआरसीपी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के वादे को लेकर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते रहे हैं. इस बात की पूरी संभावना है कि कल PM के समक्ष 1 बार फिर से वे उन्हीं के वादे की याद उनको दिलाएं. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई पत्र लिखकर PM से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग कर चुके हैं.


 कल भी अपनी मांग को दोहराएंगे और उम्मीद करेंगे कि PM मंच से इस संबंध में कोई ऐलान करें. इसके अलावा देश में सांप्रदायिकता के माहौल को ठीक करने के लिए मुख्यमंत्री कई बार PM से देश को संबोधित करने की मांग कर चुके हैं. इस बात की भी प्रबल संभावना है कि कल मुख्यमंत्री के संबोधन में ये मुद्दा भी PM के समक्ष फिर से उठाया जाए.


 मानगढ़ धाम का ये कार्यक्रम इसलिए लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुजरात चुनाव की तारीख़ों का जल्द ऐलान होना है और अगले साल राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में PM के इस दौरे का असर इन 3 राज्यों पर सीधे तौर पर होने वाला है.


 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार गहलोत कल सुबह 9.30 बजे उदयपुर से विशेष विमान से बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पहुंचेंगे. मानगढ़ में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र,गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी शामिल होंगे।माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम के लिए कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं.


 राजस्थान में चुनावी लिहाज़ से देखा जाए तो आठ ज़िलों वाले इस आदिवासी बेल्ट में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, प्रतापगढ़ और पाली 37 विधानसभा सीट हैं. इनके फ़िलहाल 21 सीट बीजेपी के पास हैं, जबकि कांग्रेस के पास 11, और तीन सीट पर निर्दलीय काबिज हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के पास दो सीट हैं. राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों में बीटीपी का प्रभाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए चिंता का विषय है. इसलिए दोनों प्रमुख दल जनजातीय वोट बैंक को अपने पास रखने की कोशिश कर रहे हैं.


मानगढ़ धाम का महत्व इस है लिहाज़ से है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गोविंद गुरु के नेतृत्व में डेढ़ लाख से अधिक भीलों और अन्य जनजातियों ने मानगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ लंबे समय तक मुकाबला किया. ऐसा माना जाता है कि मानगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में 17 नवंबर, 1913 को गोविंद गुरु के नेतृत्व में आयोजित जनसभा में शामिल लोगों पर अंग्रेजों की ओर से की गई गोलीबारी में लगभग 1,500 लोग मारे गए थे. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की माँग कर रहे हैं.


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