Monkeypox Virus Update: बच्चों, गर्भवती महिलाओं में मंकीपॉक्स वायरस गंभीर हो सकता है -WHO
Monkeypox Virus Update: भारत सरकार ने पहले नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और आईसीएमआर को संभावित मंकीपॉक्स के प्रकोप पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है. मंत्रालय ने अधिकारियों से प्रभावित देशों के बीमार यात्रियों को अलग करने और उनके नमूने जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजने को कहा है.
Monkeypox Virus Update : कोरोना महामारी के बीच कई एक नए वायरस के बारें में आये दिन खबरें आ रही है. जिसका नाम है मंकीपाक्स, गूगल पर इसके बारे में लोग जानने को उत्सुक हैं. कोरोना के बाद से किसी भी नये वायरस के लेकर ये उत्सुकता लाजमी है. शुरुआत में मंकीपॉक्स के मामले ब्रिटेन में सामने आये. जिसके बाद अब तक कनाडा और स्पेन समेत 12 से ज्यादा देशों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है.
WHO के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूके और यूएस में मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामलें और बढ़ सकते हैं . जिसपर WHO नजर बनाये हुए हैं. मंकीपॉक्स COVID-19 से अलग तरह से फैलता है. भारत में अब तक मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन धीरे-धीरे देशों में वायरस के बढ़ने और फैलने से लोगों में डर पैदा हो गया है. WHO प्रभावित देशों के साथ काम कर रहा है और बीमारी का प्रबंधन कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन दिया जा रहा है.
इधर भारत सरकार ने पहले नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और आईसीएमआर को संभावित मंकीपॉक्स के प्रकोप पर कड़ी निगरानी रखने को कहा है. मंत्रालय ने अधिकारियों से प्रभावित देशों के बीमार यात्रियों को अलग करने और उनके नमूने जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजने को कहा है.
समझें क्या है मंकीपॉक्स है और क्या सच में खतरनाक है ये वायरस ?
मंकीपॉक्स का वायरस बंदरों और दूसरे कई जंगली जानवरों में मिलता है. इस वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज को बुखार, बॉडी पेन, ठंड लगना और थकान महसूस होती है. गंभीर मामलों में शरीर के कई हिस्सों जैसे चेहरे, हाथों पर दाने निकल आते हैं. मंकीपॉक्स वायरस से होने वाली ये बीमारी, चेचक की तरह ही है जो ज्यादा गंभीर नहीं है. ये एक ऑर्थोपॉक्स वायरस है जो एक जीनस जिसमें वेरियाला वायरस भी शामिल है जिसके चलते चेचक होता है. इसी फैमिली के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था. आमतौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ इलाकों में ये वायरस पहली बार 1958 में बदंरों में मिला था. इंसानों में इसका पहला मामला 1970 में दर्ज हुआ था.
कैसे फैलता है ये वायरस ?
मंकीपॉक्स तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, जानवर या वायरस से संक्रमित के संपर्क में आता है. वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है. मानव-से-मानव में ये आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैलता है. पशु से इंसानों में ये काटने या खरोंच के फैल सकता है. मंकीपॉक्स सेक्स के दौरान भी एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है.
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजन और पीठ दर्द शामिल हैं. मरीजों में आमतौर पर बुखार आने के एक से तीन दिन बाद दाने निकल आते हैं जो अक्सर चेहरे से शुरु होते हैं और फिर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलते हैं. जैसे हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में. दाने में खुजली भी होता है. संक्रमण आमतौर पर दो से चार हफ्ते तक रहता है और फिर खुद ठीक भी हो जाता है.
क्या मंकीपॉक्स का इलाज है ?
मंकीपॉक्स के लिए अभी तक कोई इलाज नहीं है जो प्रमाणिक हो, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं. जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उनको दूसरे लोगों से अलग रखा जाता है ताकि संक्रमण फैले नहीं. चेचक के टीके वायरस को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं.
क्या मंकीपॉक्स, कोरोना जितना खतरनाक है
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर कुछ वक्त में ठीक हो जाता है लेकिन कुछ लोगों में ये वायरस गंभीर हो सकता है जैसे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग. इधर पश्चिम अफ्रीका में कुछ मौतें हुई हैं, हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इसका ज्यादा खतरा नहीं है और आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है. ज्यादातर मामलों में ये साधारण वायरल जैसा है, जो कुछ वक्त में खुद ही ठीक हो जाता है.
(एजेंसी)