Jaipur: बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) से पूरे साल के लिए अच्छी खबर सामने आई है. बांध में जयपुर (Jaipur) समेत 4 जिलों के लिए एक साल से ज्यादा पानी की आवक हुई है. 


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बीते कुछ दिनों में बीसलपुर बांध में पानी आने की रफ्तार तेज हो गई है. बांध में पानी आने से इस साल चार जिलों में इस साल जलसंकट टल गया है.


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पानी की कटौती टली
जयपुर समेत चार जिलों की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में सालभर का पानी का गया है. पानी की लगातार आवक के कारण इस साल जलसंकट चल गया है, जिसके बाद अब पानी की कटौती भी कैंसिल हो गई है. इससे पहले जलदाय विभाग ने 15 सितंबर से पानी कटौती तैयारी कर ली थी. अब बांध के भराव क्षेत्र में त्रिवेणी लगातार बह रही है. बांध में 17.6 टीएमसी पानी की मात्रा दर्ज की गई है.


बीलसपुर बांध का गणित
बीसलपुर बांध की ऊंचाई : 315.50 आरएल मीटर
बीलसपुर बांध में पेयजल : 312 आरएल मीटर
बांध की भराव क्षमता : 38.7 टीएमसी
मौजूदा बांध में पानी : 17.6 टीएमसी
जलदाय विभाग का आवंटित पानी : 16.20 टीएमसी
सिंचाई के लिए आवंटित पानी : 8.0 टीएमसी


5 मीटर की उंचाई पर बह रही त्रिवेणी
बीसलपुर बांध का जलस्तर 312 आरएल मीटर पहुंच गया है और त्रिवेणी नदी 5 मीटर की ऊंचाई पर बह रही है, जो इस मानसून में अब तक सबसे ज्यादा है. बांध में वतर्मान पेयजल कटौती के हिसाब से देखा जाए तो 12 महीने से ज्यादा पानी का इंतजाम हो चुका है. बीसलपुर बांध में हमेशा अगस्त-सितंबर की बारिश में ही चादर चलती है.


2014 में 14 मीटर की उंचाई पर बही थी त्रिवेणी
जल संसाधन विभाग की माने तो वर्ष 2016 में त्रिवेणी 14 मीटर ऊंचाई पर बही तो बांध पर चादर चली. वहीं, साल 2019 में त्रिवेणी 09 मीटर ऊंचाई पर बही तो चादर चली और अब आंकलन है कि त्रिवेणी 07 मीटर से अधिक ऊंचाई पर बहती है तो चादर चल सकती है. ऐसे में अब त्रिवेणी से आस लगाई जा रही है कि बांध के बहाव क्षेत्र में पानी की आवक लगातार बढ़नी चाहिए. बीसलपुर में पिछले छह दिन से लगातार पानी आ रहा है. भीलवाड़ा और चित्तौड़ में हो रही अच्छी बारिश से लगातार पानी की आवक हो रही है. बांध में मानसून की बारिश में अब तक करीब 2 मीटर पानी की आवक हो चुकी है.


बीसलपुर में पांच बार चली चादर
बीसलपुर बांध पर अब तक पांच बार चादर चल चुकी है और इस बार भी चादर चलने का इंतजार शुरू हो गया है. त्रिवेणी से पानी की लगातार आवक के कारण चादर चलने की उम्मीद जगी है. 


बता दें कि बांध का कुल जलस्तर 315.50 मीटर है. जल संसाधन विभाग की माने तो वर्ष 2004 में पहली बार चादर चली थी. उसके बाद 2006, 2014, 2016 और साल 2019 में चादर चली थी. पिछली बार चादर चलने के दौरान जल संसाधन विभाग को बांध के सभी गेट खोलने पड़े थे. करीब 20 दिन तक बांध से पानी बाहर निकाला गया था.