Jaipur: इस्लामिक साल के पहले महीने में मनाया जाने वाला मोहर्रम यौमे-ए-आशूरा 9 अगस्त को मनाया जाएगा. मोहर्रम से एक दिन पहले सोमवार को मातमी धुनों के साथ ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा. 10 वें दिन मंगलवार को यौम-ए- आशूरा पर कर्बला में ताजियों को सुपुर्द खाक किया जाएगा. राजधानी में 300 से अधिक ताजिए निकले जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हर ताजिए की अपनी खासियत
सेंट्रल हिलाल कमेटी के कंवीनर और राजस्थान चीफ काजी खालिद उस्मानी ने समाजजनों से सौहार्द कायम रखने की अपील की. इस मौके पर अकीदतमंद रोजे रखकर इबादत करेंगे. मोहर्रम के मौके पर निकलने वाले ताजियों को बनाने का काम परकोटे समेत अन्य जगहों पर लगभग पूरा हो चुका है. इस बीच अलग अलग आकार में किसी मोहल्ले का बड़ा ताजिया नजर आ रहा है तो किसी का छोटा या मंझोला. 


 ताजिया बनाने वाले लोगों का कहना है कि ताजिए का निर्माण हजरत इमाम हुसैन के रोजे के प्रतीक रूप में किया जाता है. दो साल बाद कोरोना के बाद  अपने-अपने इमामबाड़ों में निकलेंगें. लाखों रूपए के विभिन्न मोहल्लों के ताजिए खास होंगे.  मोहल्ला हांडीपुरा समेत अन्य जगहों पर ताजिए की थीम खास है. अभ्रक और चांदी के वर्क से बनाए गए झाड़वाले शीशे ताजिए में लगाए हैं. 


इसके साथ ही अभ्रक पर की गई महीन एम्बोजिंग से शामियाने पर एक्ट्राऑर्डनरी कार्य किया है. कोरोना महामारी की वजह से पिछले 2 सालों तक ताजियों का जुलूस नहीं निकल सका था लेकिन इस साल सामूहिक जुलूस निकलने से लोगों में खुशी नजर आ रही है.


आज शाम को मगरिब की नमाज के बाद ताजिए इमामबारगाह से अपने निर्धारित स्थान पर रखे जाएंगे. वहीं देर रात को ताजिए बड़ी चौपड़ होते हुए वापिस अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचेंगे. कल शाम से ताजियों का जुलूस बड़ी चौपड़ सुभाष चौक होते हुए कर्बला पहुंचेगे जहां सुपुर्द ए खाक करने की रस्म अदा की जाएगी.


अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


यह भी पढ़ें- अपनी उम्र से बड़े पार्टनर पर क्यों मर-मिटते हैं लड़के-लड़कियां, आप भी जानिए खासियतें


यह भी पढ़ें- महज 20 की उम्र में कमसिन हसीना अवनीत कौर ने सोशल मीडिया में मचाया तहलका, फोटोज वायरल