नगर निगम ग्रेटर मेयर चुनाव कल, BJP से रश्मि सैनी और कांग्रेस से हेमा सिंघानिया के बीच कांटे की टक्कर
नगर निगम ग्रेटर (शहरी सरकार ) का किंग कौन होगा इसका फैसला कल वोटिंग के साथ हो जाएगा. वर्तमान बोर्ड में तीसरा मेयर नगर निगम ग्रेटर को मिलेगा. एक सप्ताह बाद कांग्रेस और भाजपा के 146 पार्षद बाडाबंदी से बाहर आएंगे और मेयर पद के लिए वोटिंग करेंगे.
जयपुर: नगर निगम ग्रेटर (शहरी सरकार ) का किंग कौन होगा इसका फैसला कल वोटिंग के साथ हो जाएगा. वर्तमान बोर्ड में तीसरा मेयर नगर निगम ग्रेटर को मिलेगा. एक सप्ताह बाद कांग्रेस और भाजपा के 146 पार्षद बाडाबंदी से बाहर आएंगे और मेयर पद के लिए वोटिंग करेंगे. मेयर इलेक्शन को लेकर जिला निर्वाचन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली हैं.
रिटर्निंग अधिकारी शंकरलाल सैनी ने बताया कि नगर निगम ग्रेटर के सभासद भवन में वोटिंग की प्रकिया होगी. सुबह 10 बजे से वोटिंग की प्रकिया शुरू हो जाएगी. उसके बाद दोपहर 2 बजे तक पार्षद (वोटर) अपना वोट डाल सकेंगे. इसके लिए बैलेट पेपर तैयार करवाए गए हैं.
यह भी पढ़ें: राजस्थान आएगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, अलवर के मालाखेड़ा में होगी जनसभा
बैलेट पेपर से होंगे चुनाव
मतदाता सूची में पार्षद का नाम देखकर वोटिंग के लिए बैलेट पेपर दिया जाएगा, जिसके जरिए वे अपना वोट कास्ट कर सकेगा. इसके तुरंत बाद मतगणना होगी और फिर शपथ दिलाई जाएगी. मेयर पद के लिए दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. भाजपा से रश्मि सैनी और कांग्रेस से हेमा सिंघानिया मेयर पद के लिए चुनाव लड रही हैं. आंकड़ों के लिहाज से भाजपा अभी मजबूत स्थिति में है, लेकिन 2019 के प्रकरण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उस वक्त भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग कराकर सिटी सरकार पर कब्जा कर लिया था.
यह भी पढ़ें: देश ही नहीं दुनिया में अलग पहचान बनाएगा कोटा का ऑक्सीजोन पार्क, ये है खासियत
क्या है पूरा मामला
बता दें कि परसिमन के बाद जयपुर में दो नगर निगम का गठन किया गया था. इसमें एक जयपुर नगर निगम ग्रेटर, और जयपुर नगर निगम हैरिटेज का गठन किया गया था. ग्रेटर निगम भाजपा के खाते में गया था, वहीं, हैरिटेज में कांग्रेस शहरी सरकार बनाने में सफल रही थी. जयपुर ग्रेटर में भाजपा ने सौम्या गुर्जर को मेयर बनाया था, लेकिन सौम्या गुर्जर और उसके पति पर भ्रष्टाचार के साथ-साथ निगम आयुक्त पर थप्पड़ मारने का आरोप लगा था. इस घटना के बाद सौम्या गुर्जर को पद से हटा दिया गया. वहीं, सौम्या गुर्जर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी.
दोनों दलों ने बाड़ाबंदी
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सौम्या फिर से ग्रेटर की मेयर बनीं, लेकिन सौम्या गुर्जर के खिलाफ बनी कमेटी ने जांच रिपोर्ट में माहापौर को दोषी करार दिया था. उसके बाद सौम्या गुर्जर को गहलोत सरकार ने बर्खास्त कर दिया. अब इस पद के लिए 10 नवंबर को उप चुनाव हो रहे हैं. चुनाव के लिए दोनों दलों ने बाड़ाबंदी कर रखी है.